आरती हम शर्मिंदा हैं, तेरा कातिल जिंदा है | BHOPAL NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। आरती राय आत्महत्या कांड में पीड़ित पक्ष का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। आज कॉलेज छात्राओं और महिलाओं ने ज्योति चौराहे पर भोपाल पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। आरती की मां का बयान सामने आया है कि पुलिस ने आरोपी के घर सुरक्षा लगा रखी है लेकिन उनसे मिलने के लिए विधायक क्या पार्षद तक नहीं आया। भोपाल पुलिस पर आरोप है कि उसने आरती राय आत्महत्या कांड के आरोपी को हिरासत में लेने के बाद थाने में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया। प्रदर्शनकारी छात्राएं दानिश के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहीं हैं। 

क्या है घटनाक्रम
मामला गौतम नगर इलाके का है जहां दुर्गा नगर में रहने वाली 19 वर्षीय आरती रॉय ने दानिश नाम के एक युवक की लगातार छेड़छाड़ से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। आरती गीतांजलि कॉलेज में बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। दानिश, आरती को लगातार एक महीने से परेशान कर रहा था। आरती इतनी दहशत में थी कि उसके रिश्तेदार और पड़ोसी उसे कॉलेज छोडने जाते थे। शनिवार को भी युवक ने आरती से छेड़खानी कर मारपीट की थी। वह रोते-रोत घर पहुंची थी। 

पुलिस का क्या कहना है
गौतम नगर थाने के एसआई प्रहलाद मर्सकोले ने बताया कि जेपी नगर दुर्गा मंदिर गली में रहने वाली 19 वर्षीय आरती रॉय के पिता आपे चालक हैं और मां प्राइवेट काम करती हैं। छोटा भाई 9वीं में पढ़ता है। शनिवार शाम छह बजे जेपी नगर से सूचना मिली थी कि एक युवती ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। मौके पर पहुंचकर शव को फंदे से उतारा और उसका पंचनामा बनाकर पीएम के लिए हमीदिया अस्पताल भिजवाया। रविवार सुबह उसका पीएम कराने के बाद परिजनों को सुपर्द कर दिया गया। परिजनों ने दानिश नाम के युवक पर उनकी बेटी से छेड़खानी की बात कही है। 

बेटियों को 24 घंटे घर में कैद करके कैसे रख सकते हैं
मृतका आरती की मां आशा रॉय ने बताया कि बेटी आरती ने उनको दानिश नाम के युवक द्वारा एक माह से छेड़खानी करने की बात बताई थी। बेटी ने कहा था कि मां, क्या बेटी होना कलंक है। दानिश उसको आते-जाते रोजाना छेड़खानी कर परेशान करता है। मुझे तो अब कॉलेज जाने में भी डर लगने लगा है। उसकी शिकायत के बाद मौसी के लड़के और पड़ोसी उसे कॉलेज छोड़ने जाते थे। जिससे कुछ दिन तक वह सामने नहीं आया, लेकिन बेटियों को 24 घंटे घर में कैद करके कैसे रख सकते हैं। बीते तीन दिन से दानिश मेरी बेटी को ज्यादा ही परेशान कर रहा था।

दानिश ने शनिवार को हमला भी किया था
आशा रॉय का कहना है कि शनिवार को दानिश ने उसके साथ मारपीट भी की थी। उसके पैर पर एक्टिवा चढ़ा दी थी। जिससे उसके पैर में चोट लगी थी। उसकी इस कारतूत के कारण बेटी कॉलेज से डेढ़ बजे ही घर लौटकर आ गई थी। जब बेटी ने फांसी लगाई तो बेटा घर के बाहर खेल रहा था। शाम को जब मैं घर पहुंची तो बेटी अपने दुपट्टे के फंदे पर झूल रही थी। उसके बाद पुलिस को सूचना दी। 

पुलिस पर क्या आरोप लगे हैं
पुलिस पर आरोप है कि आरती की आत्महत्या मामले में नामजद जानकारी देने के बाद भी पुलिस ने मर्ग कायम किया। फिर आरोपी दानिश को हिरासत मेें लिया लेकिन थाने में उसे लॉकअप में नहीं रखा गया बल्कि कुर्सी पर बिठाकर सम्मान दिया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने गुपचुप तरीके से मामला कमजोर कर दिया। दानिश को कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया। 

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