औबेदुल्लागंज। नगर पंचायत में भाजपा के पार्षद ही भाजपा के लिए सिरदर्द बन गए हैं। 11 पार्षदों ने भाजपा के पंचायत अध्यक्ष हरप्रीत कौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला दिया है। संगठन ने ध्यान नहीं दिया और इधर पार्षदों ने हाईकोर्ट में याचिका भी ठोक दी। पार्टी ने संस्कृति मंत्री सुरेन्द्र पटवा को मामला सुलझाने की जिम्मेदारी दी परंतु वो कुछ नहीं कर पाए। अब भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री सुभाष भगत पार्षदों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि 15 पार्षदों वाली इस नगर पंचायत में 11 भाजपा के हैं और सभी अध्यक्ष हरप्रीत कौर के खिलाफ हैं।
नगर पंचायत के लगभग सभी पार्षद, नगर पंचायत अध्यक्ष की कार्य प्रणाली से काफी नाराज चल रहे हैं। पार्षद इतने नाराज हैं कि उन्होंने अध्यक्ष को वापस बुलाने के लिए आविश्वास प्रस्ताव ला दिया और कलेक्टर को आवेदन दे दिया। यही नहीं हाईकोर्ट तक में पिटीशन दायर कर दी है। यह घटनाक्रम लगभग दो माह से चल रहा है। नाराज पार्षदों का कहना है कि नगर पंचायत अध्यक्ष हम पार्षदों को अनुपस्थित बताकर दूसरे दिन बैठक बुलाती हैं और अपने मनमर्जी से सभी प्रस्ताव पास कर लेती हैं। इसके साथ ही वार्डों में भी अपने हिसाब से कार्य कराती हैं। हम पार्षदों को नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा किसी भी प्रकार की तवज्जो नहीं दी जा रही है।
1994 में भी हटाया था भाजपा अध्यक्ष को
नगर के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि वर्ष 1994 में भाजपा के नगर पंचायत अध्यक्ष रामबाबू श्रीवास्तव को वापस बुलाने के लिए आविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। वह भी दो वर्ष कुछ माह ही अध्यक्ष पद पर रहे। नाराज पार्षदों ने आविश्वास प्रस्ताव लाकर कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं तत्कालीन पार्षद सुरजीतसिंह बिल्ले को अध्यक्ष पद पर बिठाया था। वह लगभग एक साल तक अध्यक्ष पद पर रहे हैं।
हाईकोर्ट में दायर की पिटीशन
नगर पंचायत के नाराज पार्षद किसी भी हालत में मानने का तैयार नहीं हैं। इन पार्षदों को मनाने के लिए भाजपा के नेताओं और वरिष्ठ पदाधिकारियों ने एड़ीचोटी का जोर लगा दिया। लेकिन, अब तक कोई हल नहीं निकला है। नाराज पार्षदों ने हाईकोर्ट पिटीशन दायर कर दी है। इसके पूर्व रायसेन कलेक्टर को आविश्वास प्रस्ताव दे चुके हैं।