नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार में बार बार दोहराया जा रहा है कि हवाई चप्पल वाला भी हवाई सफर कर सकेगा। इसी दिशा में सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। वो विदेश के लिए हवाई यात्राओं में सब्सिडी देने वाली है। योजना पर काम शुरू हो गया है। जल्द ही भारत का आम नागरिक भी विदेशी हवाई यात्राएं कर सकेगा। सिविल एविएशन सेक्रटरी आरएन चौबे ने विंग्स ऑफ इंडिया 2018 समिट में गुरुवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'उड़ान प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल इंटरनैशनल कनेक्टिविटी के लिए करने में राज्य सरकारों को सक्षम बनाने पर विचार किया जा सकता है।'
अभी उड़ान स्कीम में अभी छोटे-छोटे कस्बों और दूर-दराज के क्षेत्रों को हवाई मार्ग से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार चुनिंदा रूटों के लिए एयरलाइंस कंपनियों को सब्सिडी दे रही है। इन रूटों पर एक निश्चित किराये पर उड़ान की सुविधा दी जा रही है। हालांकि, उड़ान स्कीम के इंटरनैशनल वर्जन के लिए राज्य सरकारों को सब्सिडी देना होगा जबकि केंद्र सरकार बोलियां मंगवाने में मदद करेगी। नागरिक उड्डन सचिव आर. एन. चौबे ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि यह सरकार को तय करना है कि क्या वे किराया फिक्स कर देंगे, जैसा कि कहा जा रहा है या फिर दूसरा रास्ता निकालेंगे। चौबे ने कहा कि नॉर्थ-ईस्ट के राज्य असम ने उड़ान वर्जन 2.0 को लपक लिया है और उसने इस योजना में भाग लेनेवाली एयरलाइंस कंपनियों के लिए तीन साल तक 100 करोड़ रुपये आविंटत कर दिए हैं। इकनॉमिक टाइम्स ने असम सरकार की योजना की जानकारी 18 जनवरी को ही दे दी थी।
चौबे ने कहा कि सरकार को उड़ान स्कीम के इंटरनैशनल वर्जन पर अभी काम करना है। इसे लागू करने के लिए पड़ोसी देशों के साथ द्वीपक्षीय समझौते के जरिए अपने-अपने हवाई अड्डों पर स्लॉट्स तय करने होंगे।