उज्जैन। निजातपुरा में महालक्ष्मी अपार्टमेंट के समीप 28 जून 2015 को एक पान दुकान के संचालक की हत्या के मामले मेें कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। अंतिम समय में केस काफी कमजोर हो गया था। सभी गवाह मुकर गए थे परंतु शर्ट का एक बटन इस केस में महत्वपूर्ण तथ्य बना जिसके चलते आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। मामले के आरोपी क्षेत्र के कुख्यात बदमाश थे और रंगदारी के लिए यह हत्या की गई थी। उपसंचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास ने बताया कि कंठाल चौराहे पर पान की दुकान संचालित करने वाले संजय शर्मा से गौरव उर्फ गौरू पिता अशोक शर्मा निवासी बहादुरगंज व सोनिया उर्फ सुनील उर्फ सोनू पिता मदनलाल राठौर निवासी राजेंद्र नगर ने फोन पर एक लाख रुपए रंगदारी की मांग की थी। रुपए नहीं देने पर हत्या की धमकी दी थी।
संजू ने रुपए देने से इंकार कर दिया था। 28 जून 2015 की शाम सवा सात बजे संजू अपने भांजे राहुल पिता राधेश्याम शर्मा निवासी अवंतिपुरा व दोस्त धर्मेंद्र खूबचंदानी निवासी पटेल नगर के साथ एक्टिवा से वीडी क्लॉथ मार्केट की ओर जा रहा था। निजातपुरा स्थित महालक्ष्मी अपार्टमेंट के समीप गोरू व सोनिया ने बाइक अड़ाकर रोक लिया और संजू पर चाकू से वार कर हत्या कर दी थी। पुलिस ने सोनिया, गौरू के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था। इनका सहयोग करने वाले तीसरे साथी सतीश उर्फ बंटी पिता शैलेंद्र निगम निवासी नीलगंगा के खिलाफ भी मामला दर्ज किया था।
कपड़ों और चाकू पर मिला था मृतक का खून
कोर्ट में गवाही के दौरान मृतक के भांजे राहुल शर्मा व दोस्त धर्मेंद्र खूबचंदानी ने हत्यारों को पहचानने से इंकार कर दिया। पुलिस ने बदमाश गौरव व सोनिया के हत्या के दौरान पहने गए कपड़े व हत्या में प्रयुक्त चाकू जब्त किया था। कपड़ों व चाकू पर मृतक संजू का खून मिला था। जांच में साबित हो गया था कि खून मृतक का था।
इसके अलावा घटनास्थल से सोनिया के शर्ट के टूटे दो बटन मिले थे। दोनों आधार पर कोर्ट ने सोनिया व गौरव को आजीवन कारावास व एक-एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। सतीश को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया। मामले में शासन की ओर से पैरवी डीपीओ राजकुमार नेमा ने की। सतीश की ओर से पैरवी हरदयालसिंह ठाकुर ने की।
सोनिया को पुणे से लाई पुलिस
संजू की हत्या करने वाले बदमाश पर बीते दिनों पुणे में हुई बिल्डर की हत्या का भी आरोप है। पुणे पुलिस उसे गिरफ्तार कर ले गई थी। संजू की हत्या के मामले में मंगलवार को सजा सुनाई जाना थी। इस कारण कोर्ट के निर्देश पर मंगलवार को पुणे पुलिस सोनिया को उज्जैन लेकर आई थी।