अहमदाबाद। गुजरात में एक दलित युवक की सनसनीखेज हत्याकांड का मामला सामने आया है। हत्याकांड के पीछे जातिवाद की कुप्रथा है। दरअसल भावनगर जिले में प्रदीप राठौड़ (21) घुड़सवारी किया करता था। गांव के राजपूतों को यह मंजूर नहीं था। उन्होंने प्रदीप को घुड़सवारी करने से मना किया था लेकिन वो नहीं माना। मृत युवक के पिता का आरोप है कि गुरूवार को राजपूतों ने मिलकर उसे धारदार हथियारों से काट डाला। बता दें कि घोड़े को राजाओं की पारंपरिक सवारी माना जाता है। घोड़ा राजपूतों की शान में शामिल होता है। घोड़ों के प्रति राजपूतों का अलग ही लगाव होता है। पुलिस ने मामले में 3 लोगों को हिरासत में लिया है। बता दें कि जिस गांव में घटना हुई, वहां 3 हजार की आबादी में 10% दलित हैं।
दलित नौजवान की हत्या के बाद तनाव
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, भावनगर पुलिस ने बताया कि प्रदीप का शव उसके खेत के रास्ते में मिला। पास में ही घोड़ा भी मरा पड़ा था। मामले की जांच के लिए क्राइम ब्रांच की मदद ली जा रही है। वहीं, हत्या के बाद से गांव में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।
मैंने घोड़ा बेचने से मना किया: पिता
पिता कालूभाई राठौड़ ने कहा, "प्रदीप मैट्रिक पास करने के बाद से खेती में मेरी मदद करता था। गुरुवार को प्रदीप खेत गया था। उसने कहा था कि लौटकर आने के बाद खाना साथ में खाएंगे। देर रात तक जब वह नहीं लौटा तो उसकी तलाश की गई। इस दौरान उसका शव रास्ते में पड़ा मिला। कालूभाई ने शिकायत में आरोप लगाया है कि राजपूतों ने धारदार हथियार से बेटे की हत्या की है। ऊंची जाति के लोगों के तरफ से धमकियां मिलने के बाद प्रदीप घोड़े को बेचना चाहता था, लेकिन मैंने उसे मना किया।
अफेयर और रंजिश के एंगल से भी जांच
भावनगर एससी/एसटी सेल के डीएसपी एएम सैय्यद ने बताया कि हमने घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज जब्त किए हैं। अफेयर और रंजिश समेत कई एंगल से जांच की जा रही है।
परिजनों का शव लेने से इनकार
पुलिस ने शुक्रवार को प्रदीप का भावनगर के सिविल हाॅस्पिटल में पोस्टमॉर्टम कराया। हालांकि, उसके परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया। प्रदीप के परिजनों का कहना है कि जब तक हत्यारोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक वे शव नहीं लेेंगे।