
पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी इस अपराध में उनकी क्रिमिनल साझेदारी पर आईपीसी की धारा 120 के तहत मुजरिम क्यों नहीं बनाया गया।पीड़ित युवती ने थाने में एएसपी क्राइम द्वारा उसका जबरदस्ती वीडियो बनाए जाने के आरोप लगाए हैं। कोर्ट ने पूछा कि एएसपी क्राइम को भी इस केस में आरोपी क्यों नहीं बनाया गया। कोर्ट ने पूछा कि पीड़िता द्वारा झूठा मुकदमा दर्ज कराने का आरोप लगाया गया है तो फिर डीआईजी भोपाल के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं हुई।
विदित हो कि हेमंत कटारे ने हाईकोर्ट में उसके खिलाफ भोपाल में दर्ज दो एफआईआर को रद्द करने की याचिका लगाई है। पहली एफआईआर में कटारे के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज है तो दूसरी में छात्रा की मां के अपहरण का। यह सुनवाई इन्हीं याचिकाओं से संबंधित है। कोर्ट ने मामले के अगली सुनवाई 16 मार्च को तय करते हुए अपहरण, रेप और ब्लैकमेलिंग के तीनों मामलों की केस डायरी और जांच अधिकारियों को अदालत में हाजिर होने के आदेश दिए हैं।