नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की शर्मसार करने वाली हरकत सामने आई है। एक युवक का हादसे में पैर कट गया था। डॉक्टरों ने उसके कटे हुए पैर को उसके सिर के नीचे तकिए की तरह रख दिया। जब विवाद हुआ तो सीएमएस डॉ. हरीश चंद्र ने एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर समेत 4 लोगों को सस्पेंड कर दिया। जांच के लिए एक स्पेशल कमेटी बनाई गई है।
जानकारी के मुताबिक, घनश्याम (25) झांसी के एक स्कूल की बस में क्लीनर है। शनिवार को बस बच्चों को लेकर जा रही थी। तभी एक ट्रैक्टर को बचाते हुए बस पलट गई। हादसे में 6 बच्चे जख्मी हुए। वहीं, क्लीनर घनश्याम का पैर कट गया, उसे इलाज के लिए झांसी मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में लाया गया। जहां डॉक्टरों ने इलाज तो किया, लेकिन इसी बीच लापरवाही की ऐसी तस्वीर सामने आई जो सिस्टम की बेशर्मी बयां करती है।
बेहूदा हरकत के बाद बेतुका बयान
मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल साधना कौशिक ने बताया, हमने घटना के बाद डिपार्टमेंट के लोगों से बात की। इसके बाद सीनियर रेजिडेंट ऑर्थोपेडिक डॉक्टर, ईएमओ, सीनियर नर्स और एक अन्य स्टाफ को सस्पेंड कर दिया है। इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टरों ने जख्मी क्लीनर का फौरन इलाज शुरू कर दिया था। डॉक्टरों को उसका सिर ऊपर रखने के लिए कुछ चाहिए था। तभी मरीज के किसी साथी ने कटे पैर को उसके सिर के नीचे रख दिया। एक कमेटी जांच कर रही है, अगर डॉक्टर या स्टाफ की गलती सामने आई तो कड़ी कार्रवाई करेंगे। सवाल यह है कि जब प्रिंसिपल ही ऐसा बयान दे रहे हैं तो फिर जांच क्या होगी और नतीजे क्या आएंगे, यह बताने की जरूरत ही नहीं। उन्होंने डॉक्टरों को क्लीनचिट दे दी है। दस्तावेजी औपचारिकता जांच दल पूरी कर लेगा।