
कमजोर धाराएं लगाईं तो करेंगे आंदोलन
पालक वैभव दुुबे ने बताया कि गुुरुवार को हादसे के जांच अधिकारी व सीएसपी कोर्ट में अब तक की जांच का चालान पेश करेंगे। इसके माध्यम से ही स्कूल प्रबंधन, बस संचालक व प्राचार्य पर होने वाली कार्रवाई व सजा तय होगी। हालांकि प्राचार्य को बेल मिल चुकी है। यदि धारा में बढ़ोतरी होती है तो उन्हें फिर जेल भेजा जा सकता है। उनके साथ ही प्रबंधन व स्कूल बस चलाने वाली कंपनी पर भी कार्रवाई होगी। कमजोर धाराएं लगाए जाने पर पालकों द्वारा आंदोलन किया जाएगा।
पुलिस ने बस को रख दिया खुले में
पालकों की तरफ से केस लड़ रहे वकील वैभव बंसल ने बताया कि हादसे का सबसे बड़ा साक्ष्य दुर्घटनाग्रस्त बस है, जिसकी हालत पहले ही बहुत खराब और अंदर से खस्ताहाल थी। लेकिन पुलिस ने उसे खुले में रख दिया है। यदि बारिश में भी बस खुले में रहती है तो साक्ष्य मिटने की आशंका है। मांग की गई कि प्रशासन इस बस को बंद कमरे में रखने का प्रबंध करे, जिससे कि आवश्यकता पड़ने पर बस की जांच की जाए और मृत बच्चों को न्याय मिल सके।
जागरूक इंदौर पोर्टल पर भी काम नहीं
दो महीने से अधिक समय होने के बाद भी अब तक बसों को जागरूक इंदौर पोर्टल और जीपीएस से नहीं जोड़ा जा सका है। जिले के 270 स्कूलों ने केवल रजिस्ट्रेशन करके छोड़ दिए हैं, उस पर न तो बसों की जानकारी अपलोड की है और न ही जीपीएस से जोड़ा है। इस कारण बच्चों की सुरक्षा अब भी हासिए पर है।
सख्त कदम उठाएगा प्रशासन
जागरूक इंदौर पोर्टल अपलोड करने के लिए किसी प्रकार का दबाव प्रशासन पर नहीं है। इसके लिए तैयारी की है और यह बच्चों की सुरक्षा का सवाल है, इसलिए शीघ्र ही स्कूलों पर सख्त कार्रवाई कर पोर्टल पर काम शुरू करवाया जाएगा।
कैलाश वानखेड़े, एडीएम