भोपाल। मध्यप्रदेश में 2.5 लाख संविदा कर्मचारी हड़ताल पर हैं। स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर रहन के कारण स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं हैं। करीब आधा दर्जन से ज्यादा जिलों के सीएचएमओ ने मुख्यालय से अपील की है कि वो हड़ताल का निराकरण करें।
हड़ताल के कारण स्थितियां बहुत विकट हो गईं हैं। डॉक्टर ब्रजेश सक्सेना मुख्य प्रशासनिक अधिकारी एनएचएम मप्र ने एक बार फिर सर्कुलर जारी कर बताया है कि हड़ताली कर्मचारियों की कुछ मांगों को मानने के लिए मंत्री स्तर पर सहमति बन गई है अत: हड़ताल समाप्त कर 27 मार्च को काम पर वापस लौट आएं परंतु फिलहाल उम्मीद नहीं है कि यह हड़ताल इतनी आसानी से खत्म होने वाली है।
सतना में संविदा कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने के बाद आंदोलन और उग्र हो गया है। प्रदेश भर में प्रदर्शन का दौर जारी है।
धार में भूख हड़ताल शुरू हो गई है।
जबलपुर में वित्तमंत्री जयंत मलैया एवं कांग्रेस नेता व सांसद विवेक तन्खा को ज्ञापन सौंपा गया।
अशोकनगर में फसल कटाई करके जताया गया कि उनकी स्थिति भी किसान के यहां काम करने वाले मजदूर जैसी ही अस्थाई है।