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चोरों की मंडली, मैने सत्ता में बैठे लोगों को कहा था
जीतू पटवारी ने सफाई देते हुए कहा कि 'ये चोरों की मंडली, मैने सत्ता में बैठे लोगों को कहा था। जो पत्रकारिता की सेवा नहीं कर रहे हैं, भाजपा की सेवा कर रहे हैं। मैं पत्रकारों की इज्जत करता हूं और पत्रकारिता के पैरों में रहकर काम करता हूं। पत्रकारिता के भाई मेरी मदद करते हैं। मैं अच्छा काम करता हूं और तो मेरा उत्साहवर्धन करते हैं। जीतू पटवारी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि जनसंपर्क का फंड बढ़ें और सही पत्रकारों को इसका फायदा दिया जाए न कि भाजपा के कार्यकर्ताओं और जनसंपर्क में बैठे लोगों और उनके रिश्तेदारों को।'
जीतू पटवारी ने अपनी सफाई में कहा कि आज क्या आवश्यकता पड़ी मुझे कि सरकार से पूछना पड़ रहा है कि प्रदेश सरकार ने 2004 से 2017 के बीच मीडिया को विज्ञापन देने में कितने रुपए खर्च किए। इसके अलावा पटवारी ने दूसरा सवाल पूछा सिंहस्थ, ग्लोबल समिट, नर्मदा यात्रा, एकात्म यात्रा और शैव महोत्सव में कितना विज्ञापन जारी किया गया, प्रिंट को कितना दिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को कितने रुपए का विज्ञापन दिया गया। पटवारी का आरोप है कि इसका आधा जवाब दिया और आधा विलोपित कर दिया गया।