ग्वालियर। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का टिकट चाहने वालों को 50 हजार रुपए जमा कराने की घोषणा को लेकर विरोध के स्वर उठने लगे हैं। पार्टी के करीबी एडवोकेट पवन सिंह रघुवंशी ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आैर प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया के साथ अन्य वरिष्ठ नेताआें को लिखे पत्र में इस सवाल की वैधानिकता को लेकर ही सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी कोई कंपनी या कारोबारी संस्था नहीं जो इस तरह की शर्त रखें।
एडवोकेट रघुवंशी ने अपने पत्र में इस तरह का सवाल उठाने के साथ ही जहां खुद को पार्टी का अंतिम कार्यकर्ता बताया है, वहीं यह भी स्पष्ट किया है कि वे 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के टिकट के दावेदार नहीं हैं। एडवोकेट रघुवंशी ने खुद को पार्टी का विश्वसनीय आैर प्रतिबद्ध कार्यकर्ता बताते हुए पत्र में लिखा है कि मैं पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताआें की आेर से इस तरह के निर्णय का विरोध करता हूं।
उन्होंने इस विरोध के कारणों का उल्लेख करते हुए कहा है कि ऐसा करना कानूनी आैर नैतिक रूप से उचित नहीं है। पिछले सौ साल के इतिहास में पार्टी आैर पार्टी नेताआें ने पार्टी फंड जुटाने के लिए कभी इस तरह की प्रक्रिया नहीं अपनाई है। पार्टी कोई बहुराष्ट्रीय या कारोबारी संस्था नहीं है, जो फंड जुटाने के लिए इस तरह की मांग करे।