भोपाल। ये पूरे मध्यप्रदेश के लिए शर्मसार करने का विषय है। संस्कार और धर्म की ठेकेदारी करने वाली भाजपा के लिए सिर झुकाने और सीएम शिवराज सिंह चौहान व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह से तीखे सवाल करने का समय है। मप्र में बलात्कारों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। 2017 में 5310 रेप की घटनाएं थानों में दर्ज की गईं। यानी हर दिन करीब 15 ज्यादती की घटनाएं। साल 2016 के मुकाबले 2017 में यहां महिलाओं और नाबालिगों से ज्यादती की घटनाओं में 8.76% का इजाफा हुआ है। यह चौकाने वाले आंकड़े पुलिस मुख्यालय ने जुटाए हैं। जल्द ही इन्हें नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को भेजा जाएगा।
भूपेन्द्र सिंह के कार्यकाल में बढ़े बलात्कार
प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह कह रहे हैं कि छेड़छाड़, ज्यादती की घटनाएं नहीं रुकी तो अफसरों को खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। खास बात यह है कि भूपेंद्र सिंह के कार्यकाल में ज्यादती की घटनाओं में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है। हालांकि, 2015 के मुकाबले 2016 में ज्यादती के मामले 11.18% बढ़ोतरी हुई थी, जो 2017 में करीब ढाई फीसदी घटी।
नाबालिगों के साथ ज्यादती करने वाले ज्यादातर रिश्तेदार
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के वर्ष 2016 का आंकड़ों की एक समीक्षा यह भी सामने आई है:
2016 में प्रदेशभर में ज्यादती के 4789 अपराध दर्ज हुए हैं।
1115 बलात्कारी पड़ौसी थे।
157 बलात्कारी रिश्तेदार थे।
108 बलात्कारी पारिवारिक मित्रता में आते हैं।
35 आरोपी रक्त संबंधी थे।
पिछले साल भी रेप के सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश में दर्ज
एनसीआरबी की क्राइम इन इंडिया-2016 रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में उत्तरप्रदेश में हत्या और महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराध सबसे ज्यादा हुए थे। यहां हत्या के 4,889 (16.1%) और महिलाओं के खिलाफ हिंसा व अपराध के 49,262 मामले (14.5%) दर्ज किए गए। वहीं, रेप के सबसे ज्यादा 4,882 मामले मध्य प्रदेश में दर्ज हुए, जो कुल घटनाओं का 12.5% है। 2014 और 15 में भी राज्य में रेप के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हुए थे।