भोपाल। अटेर और चित्रकूट के बाद कोलारस-मुंगावली उपचुनाव में शर्मनाक हार के बाद मध्यप्रदेश की समीक्षा बैठक के दौरान विषय आया था कि मध्यप्रदेश की जनता किससे नाराज है, भाजपा से या सीएम शिवराज सिंह चौहान से। प्रश्न इसलिए आया क्योंकि सीएम शिवराज सिंह पर सबसे ज्यादा वादाखिलाफी के आरोप लगे हैं। विचार किया जा रहा था कि यदि सीएम कैंडिडेट बदल दिया जाए या फिर मप्र में भाजपा बिना चेहरे के 2018 का चुनाव लड़े तो क्या लोगों का गुस्सा कम हो सकता है।
जनता ने रखा फैसला सुरक्षित
इसी संदर्भ में भोपालसमाचार.कॉम ने एक आॅनलाइन सर्वे का आयोजन किया। यह सर्वे मात्र 24 घंटे में किया गया। मध्यप्रदेश के 50 हजार से ज्यादा लोगों ने इसमें भाग लिया। 500 से ज्यादा लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दर्ज कराईं लेकिन वोट केवल 1200 लोगों ने ही दिए। 75 प्रतिशत ने कहा वो शिवराज सिंह से नाराज हैं जबकि 25 प्रतिशत ने कहा भाजपा से नाराज हैं। परंतु हम इसे जनता का मूड नहीं मान सकते। यह संख्या तुलनात्मक रूप से काफी कम है।
यह चौंकाने वाला परिणाम है:
कांग्रेस दावा कर सकती है कि जनता ने भाजपा और शिवराज दोनों को नकार दिया है।
भाजपा कह सकती है कि जनता दोनों को अपना आशीर्वाद दे रही है, इसीलिए वोट नहीं दिया।
लेकिन हमारा मानना है कि जनता ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। वो अध्ययन कर रही है। कांग्रेस का रुख साफ नहीं है, शायद इसलिए भी चुप है। 2018 में उचित समय पर वह अपना फैसला सुनाएगी। बता दें कि इससे पहले 86 प्रतिशत कर्मचारियों ने शिवराज सिंह के प्रति नाराजगी जाहिर की थी।
ये हैं जनता की कुछ प्रमुख प्रतिक्रियाएं:
Monu Pathak: मामा शिवराज सिंह चौहान 24 24 घंटे हमारे लिये काम कर रहे हैं। क्या हमारा फर्ज नहीं बनता 2019 से उन्हें आराम दिया जाए।
Sandip Jain: शिवराज से, संविदा शिक्षक भर्ती नहीं कर रहे हैं और आरक्षण बढाने में लगा है क्योंकि ये तो ओबीसी है और जनरल वालों का विरोधी है।
Pranshu Tyagi: कांग्रेस से, जो कि घर बैठी है। एक सशक्त विपक्ष की भूमिका नही निभा रही है।
Priyank Pandey: नीयत साफ नही है। अगर होती तो मध्यप्रदेश का युवा अभी चप्पलें नही घिस रहा होता हड़ताले धरने नही हो रहे होते। मैं bjp का पक्का समर्थक था पर इस बार सोचना पड़ेगा☹️।
Subhash Gupta: शिवराज जी की जगह भाजपा द्वारा योगी जैसे किसी महात्मा को लाना होगा साथ ही खंडवा विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक को बदल कर नया चेहरा प्रदर्शित करना होगा।
Rahul Singh Tomar यह इंसान आरक्षण से ऊपर नही सोच सकता। जिसकी सोच सिर्फ आरक्षण तक है। वो कभी भला नही कर सकता। आरक्षण मुर्दाबाद, मामा मुर्दाबाद।
Jyoti Kumar Jain: प्रवचन कार आशारामजी औऱ मामा जी मे कोई फर्क नही है मतलब सिर्फ और सिर्फ प्रवचन, अधिकारियों पर कोई पकड़ नही है। सही में शासन तो अधिकारी कर रहे है।
Devendra Singh Solanki: शिवराज जी से नाराज है क्योंकि सरकारी नोकरियो में जो व्यापम द्वारा फर्जीवाड़ा हुआ है। लाखों बच्चों का भविष्य खराब हुआ है।
Amarjeet Singh Lodhi: दिग्विजय सिंह जी की तुलना में शिवराज सिंह जी best है पर मैं उन से खुश नहीं हूँ।
Bhoopendrabagri Bagri: मै एक किसान हूं, मूझे किसी पाटी् से मतलब नही, पर हमारे गांव का किसान भाजापा नाम से चिढ़ते, भावंतर योजना से व्यापारियों को फायदा हुआ है। जो सब एक माल दस पर रिजस्टर करवाते हैं और किसान को क्या मिलता हैं 5 बोर अनाज होता है उसे दस हजार रुपये की जरुरत होती है तो वह अपने आनाज को बेचकर 5 हजार बना लेता है पर पाच हजार के लिए एक महीने के इंतजार करता। अब उसका काम कैसे चालाता है यह उससे कोई पूछे।
Ajay Bharti Bjp में खोट है, जब से मोदी आया है, Shivraj Singh जी पहले भी अच्छे थे और अभी भी हैं।
Rajesh Bagwan। मुख्यमंत्री किसान कल्याण कोष कब बनेगा। मुख्यमंत्री किसान पेंशन योजना कब शुरू होगी। किसान साहयता कोष किसान सेवा दिवस कब। किसानों की मदद सहायता के लिऐ सभी मप्र के निवासी अपना एक दिन का वेतन। किसान कल्याण कोष कब देगे।
Rajkumar Gupta: Cm का भ्रष्टाचार पर कोई नियंत्रण नही है। मुजे यह सबसे बड़ी कमजोरी नज़र आती है।