भोपाल। मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित की जा रही असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा अब अटक सकती है। हाईकोर्ट में आयुसीमा विवाद का मामला हारने के बाद शिवराज सिंह चौहान सरकार ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है। यदि ऐसा होता है तो असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा का टलना तय है। आयुसीमा विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला होने से पहले परीक्षा आयोजित नहीं कराई जा सकेगी।
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने दिसंबर 2017 में असिस्टेंट प्रोफेसर के कुल 2976 खाली पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसमें प्रदेश के मूल निवासी उम्मीदवारों काे 12 साल की छूट देते हुए 40 साल तक आवेदन करने के लिए पात्र माना गया था। वहीं अतिथि विद्वानों को उनकी सेवा अवधि के तहत 58 साल तक की छूट दी गई थी लेकिन अन्य राज्यों के उम्मीदवारों की आयु सीमा 28 साल तक ही रखी गई थी। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा तय इस नियम के खिलाफ अन्य राज्यों के कुछ उम्मीदवारों ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में आदेश जारी कर सरकार से कहा है कि सभी के लिए एक ही आयु सीमा तय की जाए।
...तो अपात्र हो जाएंगे आधे उम्मीदवार
बताया जाता है कि इस आदेश के बाद समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं। उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों की माने तो यदि शासन सभी के लिए आयु सीमा 40 साल निर्धारित कर देता है तो इस भर्ती में प्रदेश के बजाए अन्य राज्यों के उम्मीदवारों को ज्यादा फायदा मिल जाएगा। वहीं यदि आयु सीमा सभी के लिए 28 साल तय की जाती है तो प्रदेश के आधे से ज्यादा उम्मीदवार इस भर्ती से बाहर हो जाएंगे। इनमें वे उम्मीदवार भी शामिल होंगे जिन्होंने आवेदन किया हुआ है।
तीसरी बार स्थगित होगी असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा
इस बार असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा के लिए करीब 20 हजार आवेदन आए हैं। यह तीसरी बार होगा जब भर्ती प्रक्रिया स्थगित होगी। इससे पहले 2014 और फिर 2016 में परीक्षा निरस्त हो चुकी है।