
बंद कमरे से बाहर निकलते ही शिवराज का गुणगान
विधायक सरताज सिंह ने बयान दिया था कि मेडिकल बिल पास कराने के लिए उनसे रिश्वत मांगी गई। सरताज सिंह ने इसकी कहीं शिकायत नहीं की बल्कि अवसर का राजनैतिक लाभ उठा लिया। चूंकि वो भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं इसलिए उनका बयान मीडिया की सुर्खियां बन गया। मौका लपकते हुए सरताज सिंह, सीएम शिवराज सिंह से मिलने जा पहुंचे। बंद कमरे में दोनों के बीच बातचीत हुई और जब सरताज सिंह बाहर निकले तो शिवराज सिंह का गुणगान कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिवराज का कोई विकल्प हो तो मुझे बता दो। मैंने उनसे कहा कि आपसे मुझे कोई गिला-शिकवा नहीं है, आप जैसा कोई दूसरा नेता मप्र में नहीं है, उन्होंने कहा हम लोग तो पार्टी की तरफ से आपके एहसानमंद है। आपने बहुत मेहनत की है, काम भी किए हैं।
नंदकुमार सिंह भड़के
प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि इस प्रकार की टिप्पणी से मैं सहमत नहीं हूं। सरताज सिंह जैसे व्यक्ति को ऐसी टिप्पणी करना बिल्कुल शोभा नहीं देता है। उन्होंने कहा कि यदि सरताज सिंह पार्टी के हितैषी हैं तो पार्टी फोरम में अपनी बात कहें। सार्वजनिक तौर पर इस तरह की बयानबाजी एक अनुशासित कार्यकर्ता की भूमिका नहीं हो सकती है।
सरताज ने नंदकुमार को बिफल बताया
सरताज सिंह ने कहा सरकार की योजनाएं ठीक तरह जनता तक नहीं पहुंचतीं हैं। संगठन के बलवूते पर सबकुछ होता है लेकिन इस वक्त उसमें संवेदनाएं कम हो गई हैं। हम लोग ठाकरे जी के समय काम करते थे, तो ऐसा लगता था कि हमारा कोई बुजुर्ग बैठा हुआ है। कोई शिकायत और कोई पीढा होती थी, तो सीधा हम उनके पास बिना समय लिए चले जाते थे, अब वो बात खत्म हो गयी है। जिसका नुकसान अब भाजपा को होगा।
मौका परस्त हैं सरताज सिंह ?
अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि क्या सरताज सिंह मौका परस्त हैं। उन्होंने सीएम शिवराज सिंह पर दवाब बनाने के लिए रिश्वत वाला बयान दिया। मुलाकात होने के बाद पलट गए। यदि रिश्वत वाले आरोप में सच्चाई है तो सरताज सिंह ने इसकी विधिवत शिकायत क्यों नहीं की। एक प्रकार से उन्होंने रिश्वतखोरी को संरक्षण दे दिया। या फिर बात का बतंगड़ बनाकर मुद्दे का राजनैतिक फायदा उठा लिया।