भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भावांतर योजना को किसानों के लिए क्रांतिकारी कदम बताया था। यहां तक कि चना-मसूर-सरसों के लिए भावांतर योजना के तहत पंजीयन भी प्रारंभ कर दिए गए थे परंतु अचानक शिवराज सरकार ने यूटर्न ले लिया। अब वो पुरानी पद्धति पर लौटने का ऐलान कर रही है। मजेदार तो यह है कि लौट के... आने को शिवराज सरकार एतिहासिक फैसला भी बता रही है।
शिवराज सरकार एकदम फैसला बदले जाने की वजह केंद्र सरकार द्वारा भावांतर भुगतान योजना पर किए जा रहे विचार विमर्श को बता रही है। शिवराज सरकार के यू टर्न को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि, फैसला बदलकर और अपने फैसले को ऐतिहासिक बताकर सीएम शिवराज सिंह ने खुद ही भावांतर योजना पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जो शिवराज सरकार चना-मसूर-सरसों को भावांतर योजना में शामिल कर, उसके पंजीयन प्रारंभ कर,उसका बढ़-चढ़कर प्रचार कर रही थी और अब वो ही उक्त फसलो को भावांतर योजना से निकालकर समर्थन मूल्य पर खरीदने का निर्णय लेकर,इसे “ऐतिहासिक निर्णय“बता कर,ख़ुद ही भावांतर योजना पर प्रश्नचिन्ह लगा रही है?
"मसूर, सरसों और चना पर हर क्विंटल ₹100 अधिक दिया जाएगा" -CM @ChouhanShivraj pic.twitter.com/jGpaO5sZAD— BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) March 24, 2018