शैलेन्द्र चौधरी/भोपाल। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में यह सनसनीखेज मामला हुआ है। एक युवक जिसका एक्सीडेंट हुआ, इलाज के लिए नागपुर ले जाया गया जहां से मृत घोषित कर दिया गया। शव को वापस छिंदवाड़ा लाया गया। डॉक्टरों ने फिर से जांच की। शव को मोर्चरी में रख दिया गया। सारी रात शव मोर्चरी में रहा। दूसरे दिन दोपहर उसका पोस्टमार्टम किया जाना था कि तभी पोस्टमार्टम की टेबल पर लाश जिंदा हो गई है। उसकी सांसें चलने लगीं। अब फिर से उसे बेहतर इलाज के लिए नागपुर भेज दिया गया है।
दरअसल, युवक एक सड़क हादसे में बुरी तरह जख्मी हो गया था। युवक को एक दिन पहले डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था और इसके पोस्टमार्टम की तैयारी भी की जा रही थी लेकिन एक डॉक्टर ने उसकी सांसे चलते देख ली और पोस्टमार्टम करने से रोका गया। पोस्टमार्टम कक्ष से उसे निकालकर तत्काल उपचार के लिए ले जाया गया। यहां से उसे उपचार के लिए नागपुर रेफर कर दिया गया है।
युवक के परिजनों ने कहा कि सड़क हादसे के बाद युवक को नागपुर उपचार के लिए ले जाया गया था जहां उसे ब्रेन डेड घोषित किया गया बाद में उसे वापस छिंदवाडा भेजा गया, लेकिन यहां के सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों ने मृत मानकर उसे मोर्चरी में रख दिया। जब पोस्टमार्टम किया जाना था तब सारा मामला सामने आया। इस मामले की खबर लगते ही सरकारी अस्पताल में घायल युवक को देखने वालों का तांता लग गया। युवक के परिजन इसे चिकित्सकों की लापरवाही के साथ साथ चमत्कार भी मान रहे हैं। परिजनों ने इसको लेकर जांच की मांग की है।