भोपाल। मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा धान उत्पादन करने वाले बालाघाट जिले के एक सरकारी स्कूल मैदान में बोर्ड परीक्षाओं के बीच कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कृषि मेले का आयोजन कर डाला। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर को आमंत्रित किया गया। बोर्ड परीक्षाओं के बीच स्कूल में राजनीति का मंच विवादित हो गया। सवाल उठने के बाद भी ना तो कार्यक्रम स्थल बदला गया है ना ही उसे स्थगित किया गया है।
मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री गौरी शंकर बिसेन ने अपनी विधानसभा सीट बालाघाट में दो दिवसीय जैविक आध्यात्मिक कृषि मेले का आयोजन किया है लेकिन जिस जगह कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, वह सरकारी स्कूल का खुला मैदान है। इस मैदान के चारों ओर चार बड़े सरकारी स्कूल हैं, जहां दसवीं और बारहवीं की परीक्षा संचालित हो रही है। जबकि दूसरी ओर मध्यप्रदेश लोक संचालनालय का स्पष्ट आदेश है कि परीक्षा अवधि में ऐसे आयोजन स्कूल परिसर के आसपास भी आयोजित नहीं किए जाएं।
सरकारी आदेश के बावजूद कार्यक्रम के आयोजन को लेकर एक स्थानीय व्यक्ति विशाल बिसेन ने जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर इस कार्यक्रम पर पाबंदी लगाने की मांग की है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि सरकारी आदेश की धज्जियां उड़ने से छात्रों को कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ेगी। जबकि मंत्री जी को राजनीतिक फायदा होगा।
याचिकाकर्ता ने प्रशासन पर भी आरोप लगाया कि वह मंत्री के दबाव में सरकारी निर्देशों का पालन सुनिश्चित नहीं कर पा रहा है। फिलहाल लोगों की निगाह कार्यक्रम के आयोजन को लेकर हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है। एक जानकारी के मुताबिक जैविक आध्यात्मिक कृषि मेले के आयोजन पर होने वाले खर्च का भार मध्यप्रदेश के कृषि विभाग ने उठाया है।
रविशंकर को 300 एकड़ जमीन देगी सरकार
इस इलाके की लगभग 300 एकड़ सरकारी जमीन श्री श्री रविशंकर की संस्था 'आर्ट ऑफ लिविंग' को सौंपने की भी तैयारी की जा रही है. इस सरकारी जमीन पर श्री श्री रविशंकर की संस्था जैविक खेती करने की कार्य योजना पर काम कर रही है। फिलहाल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह का दौरा कार्यक्रम तय हो गया है।