
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि किसानों के परिश्रम और सरकार की नीतियों के कारण ही मध्यप्रदेश को पांचवी बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है। आज प्रदेश में प्रगतिशील किसानों ने अलग ढंग की खेती अपनाई है और वे प्रधानमंत्री के उस सपने को पूरा करने की दिशा में प्राणपण से जुटें हुए हैं जिससे उनकी आय दोगुनी की जा सके। आज मध्यप्रदेश में एक-एक एकड़ में पांच-पांच लाख रूपए कमाने वाले किसान भी मौजूद है। यह हमारे लिए गौरव की बात है। इन प्रगतिशील किसानों से दूसरे किसान भाईयों को सीखना चाहिए। हम ऐसे किसानों को ब्रांड एंबेसडर बनाकर कृषि महोत्सव में बुलायेंगे और उनसे पूछेंगे कि खेती को उन्नत करने के लिए क्या-क्या उपाय किए जाए ?
श्री चौहान ने कहा कि किसान को किसी भी कारण से कोई नुकसान होगा तो उसकी भरपाई सरकार करेगी। यह भाजपा की सरकार है जिसने तय किया है कि समर्थन मूल्य तो मिलेगा ही, साथ ही मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत पसीने की कीमत अलग से दी जायेगी। सरकार गेहूं 1735 रूपए प्रति क्विंटल खरीद रही है और 265 रूपए प्रति क्विंटल अलग से डाल दिया जायेगा। शरबती गेहूं पैदा करने वाले किसान भले ही कितने उंचे भाव में गेहंू बेंचे लेकिन उन्हें भी 265 रूपए प्रति क्विंटल अलग से दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसान को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। ओला, पाला, इल्ली से होने वाले नुकसान पर भी 30 हजार रूपए हैक्टेयर दिया जायेगा और खरीफ 2017 की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की राशि संभावित 7 हजार करोड़ रूपए अलग से है। उन्होंने कहा कि चना, मसूर, सरसों पर भी समर्थन मूल्य से 100 रूपए प्रति क्विंटल सरकार अतिरिक्त दे रही है। पिछली साल जिन किसानों ने अपना गेहूं बेचा था उनको भी किसान सम्मान यात्रा समाप्त होते हुए 16 अप्रैल को गत वर्ष गेहूं खरीदी के 200 रूपए प्रति क्विंटल और 10 जून को इस वर्ष गेहूं खरीदी के 265 रूपए प्रति क्विंटल किसान के खाते में डाल दिया जायेगा।
उन्होंने किसानों से अपील की कि मंडी में खरीदी जारी है लेकिन एसएमएस मिलने पर ही वे अपना अनाज लेकर मंडी पहुंचे क्योंकि कुछ विघ्नसंतोषी लोग किसानों के हित में चलायी जा रही योजनाओं के विरोधी है इसलिए उनसे सावधान रहने की आवश्यकता है। सरकार व्यवस्थित रूप से सभी किसानों को लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है।