भोपाल। खेती की उच्च तकनीक जानने के लिए विदेशों की सैर पर जाने वाले किसान कौन हैं? कौन सी खेती करते हैं? क्या वे किसी पॉलिटिकल पार्टी के पदाधिकारी हैं? इसकी जानकारी फिलहाल सरकार के पास नहीं हैं। उसे अभी तक ये भी पता नहीं चल पाया है कि विदेश जाने वाले किसान अपनी फसल किस मंडी में बेचते हैं और उन्हें इससे कितनी आय होती है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने इस संबंध में विधानसभा में प्रश्न लगाकर पूरी जानकारी मांगी थी। उनके सवाल के जवाब में सरकार ने विदेश जाने वाले किसानों की संख्या तो बता दी पर इस सवाल के अन्य हिस्सों को उसने जानकारी एकत्रित होने का कहकर टाल दिया है। अजय सिंह ने जानना चाहा था कि:
विदेश जाने वाले किसान किस जिले की किस तहसील में कितने रकबे पर कितने दिन किसानी की है।
विदेश जाने वाले किसान क्या किसी राजनीतिक दल के सदस्य या पदाधिकारी हैं।
विदेश यात्रा पर जा रहे इन किसानों ने 2015 से 2017 तक अपनी किस फसल की कितनी आय जिले, तहसील, ग्राम की मंडी में बेची।
क्या-क्या दस्तावेज इन किसानों ने कलेक्टर को दिए जिसके आधार पर उन्हें विदेश यात्रा का पात्र माना गया है।
इस विदेश यात्रा पर जाने वाले किसानों में रीवा, शहडोल, सागर और महाकौशल संभाग का भी कोई किसान शामिल है या नहीं।
उनके सारे सवालों के जवाब में सरकार ने एक ही उत्तर दिया, जानकारी एकत्रित की जा रही है।
140 किसान जा रहे फॉरेन स्टडी पर
मुख्यमंत्री किसान विदेश अध्ययन यात्रा में चार समूहों में किसान विदेश जा रहे हैं। विधानसभा में किसान कल्याण विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पहले समूह में 20 किसान ब्राजील और अर्जेन्टीना जाएंगे। दूसरे समूह में 18 अप्रैल से 40 किसान नीदरलैंड और इजराइल की यात्रा पर जाएंगे। तीसरे समूह में 40 किसान 10 मई से स्पेन-फ्रांस और चौथे समूह में 15 मई से 40 किसान आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की यात्रा करेंगे।