भोपाल। चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य घोषित कर दिए गए मंत्री नरोत्तम मिश्रा को उस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है जो मध्यप्रदेश में चुनाव प्रणाली के रायशुमारी करेगी और पीएम नरेंद्र मोदी के 'एक देश एक चुनाव' विचार के समर्थन में जनमत संग्रह करेगी। सीएम शिवराज सिंह ने इसके लिए एक सरकारी समिति का गठन किया है जिसमें नेता, अधिकारी एवं समाजसेवी शामिल होंगे। इस समिति के अध्यक्ष जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा बनाए गए हैं।
देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल का समर्थन करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने एक समिति गठित की है। यह समिति एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर जनमत संग्रह करेगी। उसके बाद अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपेगी। शिवराज ने रविवार को कहा कि मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। उसके कुछ समय बाद ही लोकसभा चुनाव होंगे। इसमें बहुत समय निकल जाता है। कई महीनों तक कोई काम नहीं हो पाता है। ऐसे में अगर लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हों तो समय और पैसा दोनों बचेंगे।
शिवराज के मुताबिक यह समिति सरकारी होगी। इसमें नेता और अफसरों के अलावा समाज के अन्य वर्गों के लोगों को भी रखा गया है। यह समिति राज्य के सभी इलाकों से लोगों की राय लेकर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। इस रिपोर्ट को केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री के मुताबिक यह समिति राज्य में होने वाले सभी चुनावों को भी एक साथ कराने के बारे में अपने सुझाव देगी।
मजे की बात यह है कि शिवराज ने चुनाव सुधार के लिये बनाई समिति का मुखिया जिस मंत्री नरोत्तम मिश्रा को बनाया है, उसे चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित कर दिया है। साथ ही उसकी विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी है। उसका मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। कई महीने से कोर्ट ने फैसले का लिफाफा सुरक्षित रखा हुआ है।
वैसे यह भी तय नहीं है कि यह समिति कितने समय में रिपोर्ट देगी। ज्यादा संभावना इस बात की है कि शिवराज सिंह के वर्तमान कार्यकाल में समिति अपनी रिपोर्ट शायद ही पेश कर पाए। फिलहाल शिवराज ने मोदी के साथ खड़े होने में अन्य बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बाजी मार ली है।