भोपाल। दिसम्बर 2017 से जनवरी 18 तक प्रदेश में निकाली गई एकात्म यात्रा को लेकर आज कांग्रेस ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। कांग्रेस ने जनअभियान परिषद को इस यात्रा का काम देने पर भी सवाल उठाए, इसका सत्ता पक्ष ने तीखा प्रतिवाद किया। इस दौरान कांग्रेस के गोविंद सिंह और वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार के बीच तीखी नोक-झोंक भी हुई। कांग्रेस ने सवाल पूछा कि इस यात्रा से आम जनता को क्या लाभ हुआ। सरकार की ओर से इस प्रश्न का कोई जवाब नहीं दिया गया।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के गोविंद सिंह ने यह मामला उठाते हुए कहा इस यात्रा में खर्च की गई कुल राशि का विवरण मांगते हुए कहा कि इस यात्रा से जनता को क्या लाभ मिला। उन्होंने कहा कि जनअभियान परिषद को इस यात्रा की नोडल एजेन्सी बनाया गया था या नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि इस धार्मिक यात्रा का आयोजन शासकीय व्यय से करने का संविधान में प्रावधान है या नहीं। इस पर वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने कहा कि यह धार्मिक यात्रा नहीं थी, उन्होंने कहा कि यात्रा में जन अभियान परिषद को नोडल एजेन्सी नहीं बनाया गया था।
उनके इतना कहते ही कांग्रेस के रामनिवास रावत ने कहा कि जब नोडल एजेन्सी नहीं थी जो जन अभियान परिषद को काम किस आधार पर दिया गया। गोविंद सिंह ने इस यात्रा में भ्रष्टाचार और जनता के पैसे का दुरूपयोग होने की बात कही।
यात्रा पर 9.74 करोड़ खर्च
गोविंद सिंह के सवाल के जबाव में सरकार ने बताया कि यात्रा पर 9 करोड़ 73 लाख 93 हजार रूपए खर्च हुए हैं। इसमें पांच करोड़ की राशि जिलास्तर पर होने वाले जनसंवाद कार्यक्रमों में खर्च की गई।