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नॉर्मलाईजेशन व्यापमं द्वारा फाईनल आंसरशीट पर किया जाता है। न कि सिर्फ मॉडल आंसरशीट पर। यह व्यापमं की कोई गलती है या फिर कोई साजिश। अभी हाल ही में पुलिस भर्ती के संबंध में आवेदक सडकों पर धरना देने उतर आऐ थे कि बाहरी राज्य के आवेदकों का भर्ती में आना बंद हो या फिर कुछ प्रतिशत कोटा हो लेकिन यह समस्या हल पूरी हुइ है या नहीं। इसके बाद व्यापमं का ये काला सच, आंसरशीट का खुलासा सामने आया है कि किस तरह व्यापमं बच्चों की जिन्दगी के साथ कितना बडा खिलवाड कर रही है। इस काले सच को व्यापमं की गलती कहेंगे या फिर एक और व्यापमं घोटाला।
व्यापमं पहले भी कुछ इस तरह की गडबडी कर चुका है। सन् 2015 में म.प्र. वनरक्षक के 2400 पदों के लिए लगभग 1 लाख से ज्यादा आवेदकों को सेकेण्ड राउण्ड के लिए पास कर दिया था। और उसके एक दिन बाद परीक्षा परिणाम बदल कर सही किया गया था। इस कारण काफी ज्यादा संख्या में खुश आवेदकों को दूसरे दिन बहुत बडी निराशा ही हाथ लगी थी।
सत्यवीर कदम, परीक्षार्थी
kadamsatyaveer@gmail.com