INDORE | मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा की आंसर की में गड़बड़ी के साथ ही हंगामा शुरू हो गया था परंतु आयोग के अफसरों ने ध्यान नहीं दिया। आयोग गलतियां करता गया और बात बढ़ती गई। इसी के साथ बढ़ता गया उम्मीदवारों का गुस्सा। इंदौर, भोपाल सहित सारे राज्य में विरोध प्रदर्शन और हाईकोर्ट द्वारा परीक्षा परिणाम पर स्टे लग जाने के बाद आयोग ने घुटने टेक दिए हैं। लोकसेवा आयोग ने उन पांच सवालों को हटा दिया है, जिन पर छात्रों ने आपत्ति जताई थी। इसके साथ ही आयोग ने पेपर सेटरों के खिलाफ कार्रवाई भी की है।
आयोग ने स्वीकार करते हुए कहा कि पेपर सेट करने वाले विषय विशेषज्ञों की भाषा कई बार अलग होने के कारण कुछ गलतियां संभावित होती हैं जिन्हें सुधारने की भी व्यवस्था आयोग में है। गौरतलब है कि परीक्षा में छात्रों ने 10 ऐसे सवालों पर आपत्ति जताई थी जो मॉडल शीट में गलत थे, इसके बाद हाईकोर्ट ने 18 फरवरी को 2018 के परीक्षा परिणामों पर फिलहाल रोक लगा दी है।
घटनाक्रम पर सफाई देते हुए मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष भास्कर चौबे ने बताया कि सात पेपर सेटर पर कार्रवाई की गई है, जिनके प्रश्नों पर छात्रों ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि आयोग के खिलाफ वे प्रतिभागी आंदोलन कर रहे हैं, जिन्हें परीक्षा में पास नहीं होने की आशंका है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि आयोग अगर 1000 पदों के लिए परीक्षा आयोजित करता है तो ढाई लाख विद्यार्थी परीक्षा देते हैं ऐसे में सभी को भर्ती नहीं किया जा सकता इसीलिए असंतुष्ट छात्र आंदोलन करते हैं। अध्यक्ष भास्कर चौबे कहा कोर्ट के आदेश पर हमने 5 प्रश्न 2018 की परीक्षा से हटा दिए हैं। उन्होंने कहा फिलहाल कोर्ट ने हम से जवाब मांगा है, लेकिन विद्यार्थियों को इस मामले में स्टे नहीं दिया है।
परीक्षा में आत्महत्या करने वालों छात्रों को दी गई श्रद्धांजलि
परीक्षा में प्रश्नपत्रों की गड़बड़ी के बीच आयोग ने भले अपनी ओर से सफाई दे दी हो, लेकिन दूसरी तरफ आयोग की इस लापरवाही के बीच जिन दो छात्रों ने पीएससी में असफल होने पर आत्महत्या की है, उन्हें अब उनके सहयोगी छात्र सार्वजनिक तौर पर श्रद्धांजली अर्पित कर रहे हैं।