भोपाल। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा जारी राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा के माॅडल आंसर-की में गड़बड़ी को लेकर 849 आपत्तियां आई हैं। इनमें 750 आपत्तियां पहले पेपर में और बाकी की 99 आपत्तियां दूसरे पेपर में आई हैं। आयोग इन आपत्तियों को अब एक्सपर्ट कमेटी के सामने रखेगा। एक्सपर्ट कमेटी की अनुशंसा के बाद फाइनल आंसर-की जारी की जाएगी। आपत्तियों की समीक्षा के बाद ही तय होगा कि कितने सवालों को हटाकर रिजल्ट तैयार किया जाए।
आयोग द्वारा पिछले महीने राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा की माॅडल आंसर-की जारी की गई थी। परीक्षार्थियों ने करीब 15 सवालों के आंसर में गड़बड़ी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। परीक्षार्थियों का दावा था कि एक परीक्षार्थी अगर पूरे 15 सवालों पर आपत्तियां दर्ज कराता है तो उसे आपत्ति और पोर्टल शुल्क मिलाकर 2100 रुपए का भुगतान करना होगा। आयोग के डिप्टी सेक्रेटरी दिनेश जैन के अनुसार इनमें से जिस भी परीक्षार्थी की आपत्ति सही निकलेगी उसके पैसे उसे वापस कर दिए जाएंगे।
शुल्क का नियम न्यायपूर्ण नहीं है
लोक सेवा आयोग का आपत्ति पर शुल्क जमा कराने का नियम न्यायपूर्ण नहीं है। अपनी परेशानियों और बेतुकी आपत्तियों से बचने के लिए उसने शुल्क लगाया परंतु आपत्ति सही पाए जाने पर केवल शुल्क लौटाने का नियम गलत है। ऐसे उम्मीदवारों को इनाम भी दिया जाना चाहिए जो लोक सेवा आयोग के विशेषज्ञों के काम में गलतियां तलाश लेते हैं। संबंधित प्रश्न बनाने वाले विशेषज्ञ की फीस जब्त की जानी चाहिए और आपत्ति उठाने वाले उम्मीदवार को पुरस्कृत किया जाना चाहिए।