भोपाल। 217 पदों के लिए हुई एमपी पीएससी राज्य सेवा परीक्षा-2018 में करीब 15 सवालों के उत्तर गलत होने के मामले में आई आपत्तियों का अभी तक निराकरण नहीं किया जा सका है। हालांकि आयोग के सचिव ने यह जरूर स्पष्ट कर दिया है कि गलत सवालों को डिलीट कर रिजल्ट बनाया जाएगा। कौन से सवाल डिलीट किए जाने हैं, इसका फैसला कमेटी द्वारा लिए गए निर्णय के बाद ही होगा। एेसे में अब विद्यार्थियों से लेकर आयोग तक को इसी बात का इंतजार है कि कमेटी क्या निर्णय लेती है। यदि 15 प्रश्नों पर आपत्तियां सही निकलती हैं तो 170 अंकों के पेपर में से रिजल्ट जारी होगा। यदि उससे कम गलत निकलते हैं तो उतने अंक घटाकर रिजल्ट जारी होगा। 2-2 नंबर के कुल 100 प्रश्न पेपर में पूछे गए थे।
अब पीएससी द्वारा सवालों को डिलीट कर देने से जहां ऐसे विद्यार्थियों को फायदा हो जाएगा, जिन्होंने इन सवालों के उत्तर गलत दिए थे, लेकिन ऐसे विद्यार्थी जरूर नुकसान में रहेंगे, जिन्होंने उत्तर तो सही दिए, लेकिन यह अब उन्हें मिलने वाले कुल अंकों में नहीं जोड़े जाएंगे। विद्यार्थियों का दावा है कि आयोग के अधिकारियों से बात करने के बाद उन्होंने अभी यही बताया है कि नियमों में बदलाव कर रहे हैं। आपत्ति लगाने की अंतिम तारीख 3 मार्च थी। प्रति आपत्ति सौ रुपए शुल्क लिया गया।
आयोग ने अब यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जिन विद्यार्थियों की आपत्तियां सही निकलेंगी, उनके पैसे वापस कर दिए जाएंगे। विद्यार्थी शिवम यादव का कहना है कि 15 प्रश्नों पर आपत्ति लगाने के लिए 1500 रुपए तक खर्च करना पड़ रहे हैं। यह जबरिया वसूली है, क्योंकि गलती आयोग ने की, पैसा हमारा फंसेगा और यह कब लौटेगा, यह भी कुछ तय नहीं है। यही वजह है कि विद्यार्थियों ने आपत्तियां तो लगाई हैं, लेकिन उतनी ज्यादा संख्या में नहीं, जितनी उम्मीद की जा रही थी। हालांकि आयोग के पास 850 से अधिक शिकायती आवेदन आए हैं।
जिन सवालों पर आपत्तियां हैं उन पर एक्सपर्ट कमेटी निर्णय करेगी। कमेटी के फैसले के बाद गलत सवालों को डिलीट कर रिजल्ट बना दिया जाएगा।
पवन शर्मा, सचिव, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग