भोपाल। आवेदक परीक्षार्थी आधार कार्ड के बिना भी पीएससी की परीक्षा का फॉर्म भर सकता है। यह आदेश जबलपुर हाईकोर्ट ने दिया। कोर्ट में आवेदक ने गुहार लगाई थी कि उसकी उंगलियों के निशान बायोमेट्रिक मशीन की गलती के कारण मां के आधार कार्ड में आ गए हैं। इससे अब उसका आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है। इसलिए उसे हाल ही में आयोजित पीएससी की परीक्षा में फार्म भरने की अनुमति दी जाए।
चीफ जस्टिस की बेंच ने सुनवाई के बाद आवेदक को आधार कार्ड के बिना ही परीक्षा फॅार्म भरने की इजाजत दे दी। साथ ही भारत सरकार ,मध्यप्रदेश सरकार, डिप्टी डायरेक्टर यूआईडीएआई टैक्नोलॉजी सेंटर,बैंगलोर आदि को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब तलब किया। दतिया निवासी याचिकाकर्ता डा.धीरज अग्रवाल ने हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर कर कहा कि 2012 में वो अपनी मां के साथ अाधार कार्ड बनवाने के लिए सेंटर पर गए थे। वहां हमने आधार कार्ड के लिए अपनी-अपनी उंगलियों के निशान दिए। कुछ दिन बाद मेरी मां का अाधार कार्ड बन गया। लेकिन मेरा कार्ड नहीं आया। इसकी शिकायत जब दिल्ली और बैंगलोर में संबंधित उच्च अधिकारियों से की। तब 2015 में मुझे जानकारी मिली कि मेरी उंगलियों के निशान से मां के अाधार कार्ड में दर्ज हो गए हैं। इसलिए मेरा आधार कार्ड नहीं बन रहा। इसके बाद मैंने अपनी मां का अाधार कार्ड निरस्त करवाया। लेकिन इसके बाद भी मशीन ने मेरी उंगलियों के निशान स्वीकार नहीं किए। इसलिए मुझे आधार कार्ड के बिना ही पीएससी की परीक्षा में फार्म भरने की अनुमति दी जाए। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त मामला जबलपुर हाईकोर्ट भेज दिया था।याचिकाकर्ता की अोर से अधिवक्ता केके श्रीवास्तव व अधिवक्ता प्रशांत चौरसिया ने पैरवी की।
दवा के सैंपल बेचने के आरोपियों को एक साल की सजा: दवाई के सैंपल बेचने के आरोपी को जिला एवं सत्र न्यायाधीश अभय कुमार की कोर्ट ने 1 साल की सजा सुनाई। साथ ही 1-1 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।
बहोड़ापुर थाना पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी मुकेश बंसल और सोनेराम वर्मा दवा का सैंपल बेचने का कार्य करते हैं। साथ ही इनके पास भारी मात्रा में दवाई के सैंपल रखे हैं। उक्त आरोपी नवग्रह मंदिर के पीछे किराए के मकान में रहते हैं। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की। इसमें 5 पैकेट दवाई के सैंपल मिले, इन पर नोट फॉर सेल और डॉ.मासूम खान मंदसौर लिखा हुआ था।