भोपाल। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ परीक्षा-2016 का अंतिम परिणाम आयोग द्वारा 3 अक्टूबर 2017 को घोषित कर दिया गया परन्तु परिणाम घोषित होने के 5 महीने 6 दिन बाद भी पशु पालन विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा चयनित अभ्यर्थियो को नियुक्ति पत्र प्रदान नहीं किया जा सका है। जिसके फलस्वरूप चयनित अभ्यर्थी सरकारी नौकरी का विकल्प होते हुए भी बेरोजगारी का जीवन जीने पर विवश है।
तुषार सोनी की ओर से भोपालसमाचार.कॉम को भेजे गए ईमेल के अनुसार नियुक्ति पत्र प्राप्त करने के लिए चयनित अभ्यर्थियों ने हरसंभव प्रयास किया (पशु पालन विभाग ने जो भी दस्तावेज माँगे उनको समय सीमा के भीतर उपलब्ध कराया, उनका सत्यापन भी कराया) किन्तु इतनी प्रक्रिया के बाद भी नियुक्ति पत्र नहीं मिला तो प्रमुख सचिव महोदय से चार बार मिलकर हाथ पाँव जोड़े पर जब इससे भी बात नहीं बनी तो पशु पालन मंत्री मध्यप्रदेश शासन अंतर सिंह आर्य के सामने भी तीन बार अपनी व्यथा को व्यक्त किया परन्तु हर बार मंत्री जी ने व्यथा पर आश्वासन का मलहम तो लगाया लेकिन आज तक व्यथा का उपचार नहीं कर सके।
भोपाल समाचार डॉट कॉम ने इन बेसहारा और दर दर की ठोकरे खाने पर मजबूर 304 चयनित अभ्यर्थियो की आवाज बनने का प्रयास किया और इस संदर्भ 18 जनवरी तथा 22 फरवरी 2018 को समाचार प्रकाशित किया परन्तु लोकतंत्र के इस चौथे स्तम्भ की आवाज भी सत्ता के शोर में दब कर रह गई और परिणाम शून्य रहा।
चयनित अभ्यर्थियो में से अधिकांश ने अब सरकारी नौकरी मिलने या नियुक्ति पत्र मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी है और पकौड़ा बनाने का प्रशिक्षण लेने लगे हैं ताकि भविष्य में वो पकौड़ा बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण कर सके और चयनित अभ्यर्थियो के एक समूह जिसने अभी तक उम्मीद नहीं छोड़ी है उन्होंने दिनांक 12 मार्च 2018 दिन सोमवार से मंत्री जी के आवास पर आमरण अनशन पर बैठने का निर्णय लिया है , उनका कहना है कि बेरोजगारी से कुण्ठाग्रस्त होकर घुट घुट कर मरने से अच्छा है कि मंत्री जी के सामने ही भूखे रहकर प्राण त्याग दिए जाएँ।
अभ्यर्थियो ने जब पशु चिकित्सा विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी उनके जीवन का एक मात्र उद्देश्य था कि गऊ माता की सेवा करेंगे और जीवन भर बेजुबान पशुओं तक को दर्द नहीं होने देंगे और उनके हर विकार का समुचित उपचार करेंगे लेकिन पशु पालन विभाग मध्यप्रदेश शासन के अधिकारियों और उनकी नीतियों ने इन चयनित अभ्यर्थियो को खून के आँसू रूलाकर भुखमरी के कगार पर ला दिया है और अगर भुखमरी ही इन अभ्यर्थियो का भविष्य हैं तो अब 12 मार्च से मंत्री जी के आवास के सामने ही अनशन होगा।