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एक निजी टीवी के कार्यक्रम में भाजपा अध्यक्ष ने राम मंदिर, तेदेपा के गठबंधन से बाहर होने सहित कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि 2019 के लिए अभी कोई लक्ष्य तय नहीं किया है समय आने पर इसकी जानकारी दी जाएगी। गोरखपुर और फूलपुर में हुई हार पर शाह ने कहा कि कम मतदान हुआ और सपा-बसपा के बीच गठबंधन भी था। सपा और बसपा के बीच इस गठबंधन का कारण साफ है। दोनों पार्टियां के सामने खुद को बचाने की चुनौती है। इससे यह भी साबित हुआ है कि राज्य में भाजपा है और भविष्य में भी यही पार्टी प्रभावी राजनीतिक बल बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि यदि इन दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन कायम रहा तो उनकी पार्टी 2019 के चुनाव में मुकाबला करने के लिए तैयार है।
तेदेपा के गठबंधन से अलग होने पर अमित शाह ने कहा कि राजग के सभी सहयोगी एक साथ हैं। सरकार को कोई खतरा नहीं है। हमने हमेशा गठबंधन धर्म निभाया है। संसद में वाईएसआर कांग्रेस और तेदेपा के मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर रही विपक्षी पार्टियों को उन्होंने निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि सदन में स्थिति सामान्य हो जाय तो भाजपा मुद्दे पर बहस कराना चाहती है। लेकिन विपक्ष को पता है कि वह विजयी नहीं हो पाएगा।