कर्नाटक में कांग्रेस: भ्रष्टाचार के दोषी को पार्टी में शामिल किया | NATIONAL NEWS

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस आत्ममुग्ध नजर आ रही है। मजेदार बात तो यह है कि राहुल गांधी भी कर्नाटक की राजनीति को उसी चश्मे से देख रहे हैं जिससे सिद्धारमैया दिखा रहे हैं। सीएम ने राहुल गांधी के मंच पर माइनिंग स्कैम के दोषी आनंद और नागेंद्र को कांग्रेस में शामिल कर लिया। चौंकाने वाली बात तो यह है कि सिद्धारमैया की ही एक समिति ने दोनों को माइनिंग स्कैम का दोषी ठहराया था। सवाल पूछने पर तुर्रा देखिए 'सीएम ने कहा राहुल गांधी को सब पता है।'

पत्रकार आशुतोष झा की रिपोर्ट के अनुसार रणनीतिक चूक के कारण राज्यों में लगातार पस्त हो रही कांग्रेस कर्नाटक में भी फिसलने लगी है। एक तरफ जहां भ्रष्टाचार जैसे चुनावी मुद्दों पर खुद ही पैरों पर कुल्हाड़ी चला रही है। वहीं पार्टी नेतृत्व की ओर से मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अतिप्रशंसा पार्टी के अंदर ही नेताओं में खिंचाव पैदा करने लगी है। बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से मोदी के मुकाबले सिद्धरमैया को खड़ा करने की कोशिश को तो राष्ट्रीय स्तर पर भी घातक माना जा रहा है। ऐन चुनाव के वक्त भाजपा, कांग्रेस की इन चूकों का क्या फायदा उठाती है यह तो देखने की बात है। लेकिन यह स्पष्ट है कि कांग्रेस ने अपनी नाव में जरूर छेद कर दिया है।

हाल के कर्नाटक दौरे में राहुल गांधी भाजपा मुख्यमंत्री उम्मीदवार बीएस येद्दयुरप्पा से लेकर केंद्र सरकार तक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सिद्धरमैया के लिए 'सीधा रुपैया' जैसा परोक्ष संबोधन साफ करता है भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा है और कांग्रेस धीरे धीरे पकड़ खोती जा रही है।

भ्रष्टाचार के आरोपियों को पार्टी में कराया शामिल
एक महीने पहले बेल्लारी में राहुल गांधी ने जिस मंच से मोदी सरकार पर हमला किया था और लोकपाल न लाने पर सवाल उठाया था। सिद्धरमैया ने उसी मंच से माइनिंग स्कैम के आरोप में जेल में रहे आनंद सिंह व नागेंद्र को पार्टी में शामिल करा दिया। इतना ही नहीं पत्रकारों के सवालों पर वह यह कहने से भी बाज नहीं आए कि राहुल की स्वीकृति के बाद उन्हें शामिल किया गया है।

मजे की बात यह है कि खुद सिद्धरमैया सरकार की एक समिति ने खेमी को जांच में दोषी पाया था और सीबीआइ व इडी जांच का सुझाव दिया था। बताते हैं कि खेनी का आना कांग्रेस के अंदर कई नेताओं को नागवार गुजर रहा है। यह दबाव भी बन रहा है कि खेनी से जल्द से जल्द मुक्ति पानी चाहिए। पर नुकसान हो चुका है।

सिद्धरमैया के खिलाफ माहौल बनना शुरू 
पर पार्टी के अंदर उभर रहे असंतोष और खिंचाव का कारण है राहुल गांधी का बयान। फरवरी में राहुल गांधी ने रायचूर की एक रैली में सिद्धरमैया सरकार की न सिर्फ प्रशंसा की बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनसे सीखने की सलाह दी। कुछ मानकों पर उन्होंने तुलना भी की। विश्लेषक जहां मानते हैं कि राहुल को सिद्धरमैया की तुलना भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार से करनी थी। प्रधानमंत्री से उनकी तुलना परोक्ष से राहुल की स्वीकृति मानी जाएगी कि वह कर्नाटक का चुनाव नहीं जिता सकते।

वहीं सूत्रों का मानना है कि पार्टी के वरिष्ठ और वफादार नेताओं की परेशानी इस बात से है कि पांच साल पहले जदएस से कांग्रेस मे आए नेता की इतनी प्रशंसा क्यों। जनता क्या सोचती है यह तो चुनाव परिणाम बताएगा लेकिन चुनाव घोषणा से महज कुछ दिन दूर पार्टी के अंदर जरूर सिद्धरमैया के खिलाफ माहौल बनना शुरू हो गया है।

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