
हालांकि यह ट्विटर हैंडल वेरिफाइड नहीं है। इस ट्वीट के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां तेज हो गयीं। मोइली से जब मीडिया ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि ‘यह गलती किसी और ने की। उन्होंने कहा, ‘‘ उस ट्विटर हैंडल को मैं संचालित नहीं करता। यह सही (ट्वीट) नहीं है। मैं इसे वापस लेता हूं।’ मोइली विधानसभा चुनावों में घोषणापत्र समिति के प्रमुख हैं।
स्थानीय अखबारों में छपे ट्वीट के स्क्रीनशॉट से पता चलता है कि यह हैंडल @moilyv से किया गया है और यह हैंडल मई 2016 से आॅपरेट किया जा रहा है। यह अकाउंट वेरीफाइड नहीं है परंतु एक्टिव है और 2016 से अब तक लगातार ट्वीट आते रहे हैं। ट्वीट करने वाला खुद को मोइली ही बताता रहा है। सवाल यह है कि यदि यह फेक अकाउंट है तो अब तक इसके खिलाफ साइबर पुलिस से शिकायत क्यों नहीं की गई।