पढ़ें: घर में हारे योगी आदित्यनाथ के बचाव में मंत्री पवैया की नाकाम दलीलें | NATIONAL NEWS

भोपाल। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फूलपुर में हुए उपचुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। गोरखपुर वो सीट है जहां से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सांसद थे। 27 साल से यह सीट भाजपा के पास रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि योगी आदित्यनाथ का मठ जिस क्षेत्र में आता है वहां भाजपा को लगभग 2000 में से मात्र 46 वोट मिले। बावजूद इसके भाजपा नेता इसे योगी आदित्यनाथ की बिफलता स्वीकारने को तैयार नहीं है। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया योगी के बचाव में नाकाम दलीलें देते नजर आए। 

मीडिया से बातचीत करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि ऐसा कहना ठीक नहीं होगा कि उपचुनाव में मिली हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी का जादू कम हो गया है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव के विश्लेषण के आधार पर इसको कसौटी नहीं बना सकते हैं। उपचुनाव की परिस्थितियां अलग रहती हैं, इस तरह के चुनाव में स्थानीय समीकरण काम करते हैं। साथ ही जातीय समीकरण भी ज्यादा महत्व रखते हैं और जब हम आम चुनाव में किसी एजेंडे पर लड़ते हैं तो उस समय माहौल दूसरा होता है। असल में इस तरह के उपचुनाव में स्थानीय समीकरण ज्यादा भारी होते हैं।

उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान माहौल दूसरी तरह का होता है। जनता लीडरशिप को वोट देती है। हम अगर पीछे रहे हैं तो प्रजातंत्र में जनता का फैसला सर्वमान्य रहेगा। इसे विनम्रता के साथ स्वीकारना ही राजनीति का धर्म है और ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि उत्तर प्रदेश, आदित्यनाथ योगी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं करता है। 

27 सालों से बीजेपी का गढ़ रही है गोरखपुर सीट
गौरतलब है कि उपचुनाव में बीजेपी की इस हार का सबसे बड़ा पहलू यह है कि गोरखपुर सीट 27 सालों से बीजेपी का गढ़ रही है जो कि योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद खाली हुई थी। लेकिन, इस सीट को सपा-बसपा ने मिलकर बीजेपी से छीन लिया है।

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