अतिथि शिक्षक: शिवराज सरकार को धर्मसंकट में डालने वाला जनादेश | ONLINE SURVEY

भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाएं संभाल रहे अतिथि शिक्षक लगातार नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। उनके पास अपने तर्क और दलीलें हैं। वो सरकार से पूछ रहे हैं कि जब गुरूजियों को नियमित कर दिया तो उन्हे क्यों नहीं। अतिथि शिक्षकों की संख्या भी प्रभावशाली है लेकिन भोपालसमाचार.कॉम द्वारा कराए गए आॅनलाइन सर्वे में चौंकाने वाला जनादेश आया है। यह कुछ ऐसा है जो शिवराज सरकार को धर्मसंकट में डालने वाला है। यदि अतिथि शिक्षकों को नियमित नहीं किया तो एक बड़ा वर्ग नाराज हो जाएगा और यदि कर दिया तो भी बड़ा वर्ग नाराज हो जाएगा। चुनावी साल में सरकार रिस्क नहीं लेना चाहती परंतु इस मामले में खतरा साफ नजर आ रहा है। 

क्या नतीजे आए आॅनलाइन सर्वे के
यह आॅनलाइन सर्वे रेंडम था, यानी अचानक शुरू किया गया था जो मात्र 24 घंटे चला। कुल 28290 लोगोें से सवाल पूछे गए जिनमें से 2700 लोगों ने वोट किया। यह बहुत अच्छा प्रतिशत है। सोशल मीडिया पर आॅनलाइन सर्वे में इतनी वोटिंग नहीं होती। 48 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अतिथि शिक्षकों को बिना परीक्षा नियमित कर दिया जाना चाहिए, लम्बे अनुभव के कारण यह उनका अधिकार है परंतु 52 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हे नियमित नहीं किया जाना चाहिए।

सरकार के लिए धर्मसंकट कैसा
अब से पहले जितने भी सर्वे किए गए उनमें स्पष्ट रुझान नजर आ रहा था परंतु इसे स्पष्ट जनादेश नहीं कह सकते। यह 50-50 जैसा ही है। फिलहाल चुनावी साल चल रहा है। शिवराज सिंह सरकार किसी भी वर्ग को नाराज नहीं करना चाहती परंतु इस मामले में किसी एक वर्ग की नाराजगी तो उठानी ही होगी। यदि अतिथि शिक्षकों को नियमित नहीं किया तो इसका खामियाजा निश्चित रूप से भुगतना होगा परंतु यदि कर दिया तो भी बीएड/डीएड करके संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा का इंतजार कर रहे उम्मीदवार नाराज हो जाएंगे। कुल मिलाकर इधर कुआं, उधर खाई वाली स्थिति है। 

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