भोपाल। क्रिकेट में 9वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उस खिलाड़ी को उतारा जाता है जिससे मैनेजर, कोच और कप्तान सहित पूरी टीम को कोई उम्मीद नहीं होती। वो बल्लेबाजी के लिए नहीं, बल्कि किसी और कारण से टीम में होता है परंतु मप्र की पूजा वस्त्राकर ने अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट में आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ 9वें नंबर पर आकर भी इतिहास रच दिया। उसने टीम इंडिया को 50 रन का योगदान दिया। यह टूर्नामेंट आईसीसी चैंपियनशिप के तहत खेला जा रहा है। पूजा ने हाल में दक्षिण अफ्रीका दौरे में शानदार प्रदर्शन किया था, जिसके बाद उन्हें आस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम इंडिया में चुना गया था।
नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए बनाई फिफ्टी
बड़ौदा के रिलायंस स्टेडियम पर खेले जा रहे इस मुकाबले में पूजा वस्त्राकर ने नौंवे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 56 गेंदों पर सात चौके और एक छक्का जमाते हुए 51 रन बनाए। यह किसी भी महिला क्रिकेटर का नौंवे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए सर्वाधिक स्कोर है। इसके पूर्व यह रिकॉर्ड न्यूजीलैंड की लूसी डोलन के नाम पर था। लूसी ने 2009 में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे में 48 रन बनाए थे।
सहवाग हैं पूजा के प्रेरणास्रोत
शहडोल में पांच बहनों में सबसे छोटी पूजा वस्त्राकर ने महज छह साल पहले टीवी पर वीरेंद्र सहवाग की बैटिंग देखकर क्रिकेट खेलना शुरू किया था। पूजा ने हाल ही में इंदौर में हुई चैलेंजर ट्रॉफी में अपनी तेज गेंदों से हर किसी को प्रभावित किया था। उनका यह प्रदर्शन टीम इंडिया में चयन का आधार बन गया। विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग उनके प्रेरणास्रोत हैं और उनसे मिले प्रोत्साहन और कड़ी मेहनत से पूजा टीम इंडिया के लिए चुनी गईं।
पूजा टी20 वर्ल्ड कप भी खेल चुकी हैं, लेकिन वहां पर उनका प्रदर्शन बहुत खास नहीं था, उन्हें कमर में दर्द हो गया, जिससे वर्ल्ड कप के पहले घुटने की सर्जरी करानी पड़ी थी। पूजा कहती हैं, इस बार चोटिल ना हो इसके लिए बहनों ने मन्नत मांगी थी। पूजा का अफ्रीकी दौरे पर टीम इंडिया का हिस्सा बनी और इंटरनेशनल क्रिकेट में पदार्पण करने का सपना भी पूरा किया।
कौन है पूजा वस्त्रकार
पूजा मध्यप्रदेश के शहडोल की रहने वाली हैं।
6 भाई-बहनों में सबसे छोटी पूजा, टीवी पर सचिन तेंडुलकर और वीरेंद्र सहवाग की बैटिंग देखकर बड़ी हुईं।
पूजा की बड़ी बहन ऊषा वस्त्रकार भी नेशनल एथलीट रही हैं। उनके पिता पी वस्त्रकार BSNL में जॉब करके रिटायर हुए हैं।
पापा ने बचपन से किया सपोर्ट
पूजा को क्रिकेट के लिए परिवार का पूरा सपोर्ट मिला। वे मध्य प्रदेश की टीम से अंडर-14 क्रिकेट टीम में भी खेल चुकी हैं।
एक इंटरव्यू में पूजा ने बताया था कि उनके पिता बचपन से उन्हें सपोर्ट करते आए हैं। वे कहा करते थे कि 'खेलोगे कूदोगे बनोगे नवाब।'
पूजा एक ऑलराउंडर की हैसियत से टीम में हैं। उनके मुताबिक वे तो बैटिंग करना चाहती थीं। लेकिन एक मैच के दौरान जब उन्होंने बॉलिंग की तो सिलेक्टर्स का ध्यान उनकी ओर गया और वे फास्ट बॉलर बन गईं।