नई दिल्ली। त्रिपुरा में नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सरकार बनवा दी। देश भर में वर्षों से ऐसा ही होता रहा है। कई क्षेत्रीय दलों और भाजपा को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ताकत दी है। अब तक कांग्रेस के बड़े नेता इसे भितरघात कहकर नजरअंदाज किया करते थे। कहते थे, इससे कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ेगा परंतु राहुल गांधी समझ गए हैं कि इससे फर्क पड़ता है। कांग्रेस कार्यकर्ता यदि आप बात नहीं रख पाता तो नाराज हो जाता है और नुक्सान करता है। शायद इसीलिए उन्होंने प्रोजैक्ट शक्ति की शुरूआत की है। जिसके माध्यम से कार्यकर्ता घर बैठे अपनी बात राहुल गांधी के आॅफिस तक पहुंचा सकता है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक नए प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है। राहुल गांधी की ओर से लॉन्च किए गए इस प्रोजेक्ट को ‘शक्ति’ नाम दिया गया है। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं के नाम एक वीडियो संदेश भी जारी किया। संदेश में राहुल गांधी ने कहा, 'आप हमारे कार्यकर्ता हो, आप हमें शक्ति देते हो, हमारे संदेश को घर-घर पहुंचाते हो, हमारी विचारधारा को घर-घर पहुंचाते हो और हमारे लिए लड़ते हो लेकिन मैं जब भी आपसे मिलता हूं तो आपकी एक ही शिकायत होती है कि आपकी आवाज जिस तरह संगठन में सुनाई देनी चाहिए, सुनाई नहीं देती है।
हम चाहते हैं कि आपकी आवाज सबको संगठन के अंदर अच्छी तरह सुनाई दें इसलिए हम आपके लिए प्रोजेक्ट 'शक्ति' लाए हैं। प्रोजेक्ट शक्ति से जुड़ने के लिए वोटर ID नंबर SMS करें, जिसके जरिए पार्टी के लोग कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत शुरू करेंगे। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने ‘शक्ति’ प्रोजेक्ट के बारे में अपने ट्विटर हैंडल्स से भी सूचना दी। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष माकन ने भी इसी प्रोजेक्ट को लेकर ट्वीट किया।
शक्ति प्रोजेक्ट के तहत कांग्रेस की सभी प्रदेश इकाइयां अपने कार्यकर्ताओं के वोटर ID एकत्र करने के साथ उनसे सीधा संपर्क साधना शुरू करेंगी। राजस्थान में तो कांग्रेस ने एक पूरा का पूरा परफॉर्मा ही जारी कर दिया है जिससे कि कार्यकर्ताओं का डेटाबेस मेंटेन किया जा सके। साथ ही उनसे सीधा संवाद भी कायम किया जा सके।
दरसअल ये SHAKTI का संक्षेप है जिसका फुल फॉर्म है- सिस्टम फॉर हायरकी एडमिनिस्ट्रेशन नॉलेज ट्रांसफर एंड इन्फॉर्मेशन। वोटर कार्ड नम्बर एक सार्वजनिक सूचना है और इसे साझा करने से निजता का उल्लंघन नहीं होता। ‘प्रोजेक्ट शक्ति’ बीजेपी के 'मिस कॉल अभियान' से प्रेरित नहीं है बल्कि उसके मुकाबले कार्यकर्ताओं की फौज खड़ी करने का कहीं बेहतर और अनूठा तरीका है।