भोपाल। "एमपी अजब है" कथन को चरितार्थ करता एक और उदाहरण अध्यापक संवर्ग के व्यायाम शिक्षको के मामले में प्रकाश में आया है, उक्त सम्बन्ध में "अध्यापक, संविदा व्यायाम शिक्षक संघ मप्र" के प्रदेश अध्यक्ष नवजीत सिंह परिहार ने जानकारी देते हुए बताया है कि शासन द्वारा अध्यापक संवर्ग संबंधी स्थानांतरण पॉलिसी जारी की गई जिसके तहत अपने घर परिवार से दूर अध्यापक संवर्ग के सभी महिला पुरुष शिक्षकों ने आवेदन कर पंजीयन कराया एवं "च्वाइस फीलिंग" के तहत रिक्त पदों हेतु अपनी प्राथमिकता दर्ज कराई गई है, ये तो अच्छी बात रही पर इसमे भी अध्यापक संवर्ग के व्यायाम शिक्षकों के साथ एक बार फिर खेल खेला गया।
पहले ही वर्ग विसंगति, प्रमोशन के अभाव, कोई निश्चित एवं स्पष्ट सेवा शर्ते ना होना आदि जैसे अनेक समस्याओं से जूझ रहे प्रदेश के व्यायाम शिक्षक वर्ग 2 को स्थानांतरण की पात्रता से बाहर कर दिया गया। वही वर्ग तीन के सहायक अध्यापक व्यायाम शिक्षकों के समक्ष ऐसी शर्त रख दिया कि वे जिस डाल में बैठे है उसी में कुठाराघात करने की दशा में आ गए है। असल मामला है स्थानांतरण हेतु ऑनलाइन फॉर्म भरते समय का उसमे वर्ग 2 के व्यायाम शिक्षकों के तो आवेदन एक्सेप्ट ही नही किये गए। वही वर्ग 3 के लिए ऑप्शन आया कि अपना पदनाम चेंज करवाकर सहायक अध्यापक व्यायाम से सहायक अध्यापक पीटीआई करवा लें तो ही फॉर्म भर सकते हैं।
स्थानातरण की लालसा लिए कई दिन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा कर, कुछ ख़र्चपानी कर बहुत मुश्किल से साथियों ने पदनाम चेंज कराया और फॉर्म भरकर ठंडी आह भरी, पर अगले माह से ही जैसे वज्रपात हुआ जब पता चला कि पदनाम चेंज हो जाने से वेतन का दस प्रतिशत अंशदायी पेंशन राशि कटना बंद हो चुकी है। जिससे शासन से प्राप्त उतनी ही राशि के मिलने की आशा भी खत्म हो गई। श्री परिहार ने बताया कि प्रदेश के व्यायाम शिक्षको के इस मुद्दे को लेकर संगठन स्तर से अनेकों बार लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल एवं अनेक जिलो के डीईओ से संपर्क कर चुके है पर सभी "एनआईटी" की करनी बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे है।
सवाल ये उठ रहा है कि ये मामला व्यायाम शिक्षको के साथ ही क्यो उठ रहा है, 1998 से अध्यापक संवर्ग के व्यायाम शिक्षको के साथ अन्याय हो रहा है, उनकी कोई स्वतंत्र और स्पष्ट नीति नही बनती है, अधिकारियों का कहना है जो अध्यापको के लिए आदेश होंगे वही इसमे भी लागू होंगे पर वह भी नही हो रहा है, अध्यापक संवर्ग के प्रमोशन हो रहे है, स्थानांतरण की कार्यवाही हो रही है, प्रतिनियुक्ति में जनशिक्षक, बीएसी, बीआरसी आदि बन रहे है, संस्था में प्रधानपाठक का प्रभार मिल रहा है पर व्यायाम शिक्षक वैसा ही है, वही है जंहा भर्ती के समय था।
नवजीत सिंह परिहार ने आगे कहा कि अभी शिक्षा विभाग में संविलियन का मुद्दा गर्म है इंतजार कर रहे है शासन की व्यायाम शिक्षको के मामले में क्या नीति बनती है यदि इस बार भी भेदभाव किया गया या नीति के तहत कोई अहित या नुकसान होता है तो प्रदेश के समस्त व्यायाम शिक्षक शासन की संबंधित नीति के विरोध में एक बड़ा आंदोलन करने के लिए कमर कस चुके है।
नवजीत सिंह परिहार
प्रदेश अध्यक्ष
"अध्यापक, संविदा व्यायाम शिक्षक संघ मप्र"