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कैसे चुने जाते हैं सरकार्यवाह
वर्तमान सरकार्यवाह नए सरकार्यवाह की चुनाव प्रकिया शुरू करने के आग्रह के बाद मंच से नीचे उतर जाएंगे। इसके बाद सबसे वरिष्ठ सह सरकार्यवाह चुनाव के लिए चुनाव अधिकारी की घोषणा करेंगे।
इसके बाद चुनाव अधिकारी चुनावी प्रक्रिया की शुरुआत करते हुए नए सरकार्यवाह के लिए नाम मांगेंगे। केंद्रीय प्रतिनिधियों के इस चुनाव में केंद्रीय प्रतिनिधि ही वोटर होते हैं, लेकिन कोई भी प्रचारक वोटर नहीं होता।
अगर किसी को कोई नाम देना होता है तो वो 3 से 4 अनुमोदकों के साथ नाम प्रस्ताव कर सकता है लेकिन आम तौर पर सरकार्यवाह का चुनाव सर्व सम्मति से होता है।
नए सरकार्यवाह का नाम चुनाव अधिकारी बताते हैं और सभी लोग ॐ उच्चारण के साथ हाथ उठाकर नए सरकार्यवाह का चुनाव सम्पन्न कराते हैं। अगले दिन सरसंघचालक और सरकार्यवाह अपनी कार्यकारणी का ऐलान करते हैं।
हर तीन साल पर होती है ये बैठक
हर तीन वर्ष पर प्रतिनिधि सभा की संगठन मुख्यालय नागपुर में होने वाली बैठक में संघ के सरकार्यवाह (एक तरह से कार्यकारी प्रमुख) का चुनाव किया जाता है। इसके साथ ही संघ के अन्य प्रमुख पदाधिकारियों की नियुक्ति भी होती है। सभी पदाधिकारियों का कार्यकाल तीन साल का होता है।