
राधारमण कॉलेज की पढ़ाई काम नहीं आई
दरअसल गौरव पाठक इंजीनियर बनना चाहते थे। राधारमण कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ब्रांच में एडमिशन लिया इंजीनियरिंग की डिग्री भी हासिल कर ली परंतु यह किसी काम नहीं आई। जब इंजीनियरिंग में भविष्य बनता नहीं दिखा तो विकल्प की तलाश की। कद काठी ऐसी थी पुलिस भर्ती के लिए कोशिश कर सकते थे अत: ठान लिया कि अब मप्र पुलिस की नौकरी करेंगे। एमपी एसआई की तैयारियां शुरू कीं। कोचिंग भी की परंतु कोई फायदा नहीं हुआ।
एसआई में फेल होकर निराश हो गया था
इंजीनियरिंग करने के बाद माइक्रोसाफ्ट के साथ बतौर ट्रेनर छह महीने काम करने वाले गौरव पाठक कहते हैं कि अक्टूबर 2017 में हुई एसआई की परीक्षा में सफलता नहीं मिलने पर वह निराश हो गए थे।
SI की पढ़ाई की थी, इसलिए पटवारी भी भर दिया
गौरव कहते हैं कि डेढ़ साल से एसआई परीक्षा की तैयारी कर रहा था, इसके लिए कोचिंग की, जब सफलता नहीं मिली तो पटवारी परीक्षा देने का फैसला किया क्योंकि दोनों का सिलेबस काफी मैच करता है।
ग्रेड-1 असिस्टेंट परीक्षा में टॉप किया
गौरव पाठक ने कुछ महीने पहले हुए पीईबी की ग्रेड-1 असिस्टेंट प्रोग्रामर की परीक्षा में टॉप किया था। तब मां अन्नपूर्णा पाठक और पिता जयप्रकाश पाठक दोनों काफी खुश हुए थे। इससे दूसरी परीक्षाओं के लिए आत्मविश्वास आया।
अगला टारगेट MPPSC
पटवारी परीक्षा में टॉप करना गौरव पाठक कहते हैं कि ये तो कॉमा है फुलस्टाप अभी बाकी है। वह इसे आखिरी पड़ाव नहीं मानते हैं, वह कहते हैं कि MPPSC परीक्षा उनका अगला लक्ष्य है।
छोटे छोटे लक्ष्य तय करें
परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं से गौरव कहते हैं कि छोटे-छोटे लक्ष्य तय करें। फिर उन्हें हासिल करने के लिए जुट जाएं। उन्होंने पटवारी परीक्षा पास नहीं कर पाने वालों से कहा निराश न हों। परीक्षा के दौरान तमाम तरह की अफवाहें सुनाई देती हैं, उन पर ध्यान न दें।
वीक प्वाइंट की पता करके उस पर काम करें
गौरव कहते हैं अपने स्ट्रांग प्वाइंट और वीक प्वाइंट पता होने चाहिए। कमजोरियों को ढूंढकर उन्हें दूर करें। इसके बाद सफलता के लिए पूरे दिल से मेहनत करें।