
अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल उनसे मनमानी फीस वसूलते हैं। स्कूल प्रशासन की ऐसी ही मनमानी भावनगर में सामने आई है। आखिरकार पुलिस जब स्कूल पहुंची तब जाकर बच्चों को मुक्त कराया गया और वे अपने घर लौट सके। यह मामला तब सामने आया जब 7वीं कक्षा में पढ़ने वाला एक छात्र आदित्यराज सिंह झाला स्कूल से तय समय पर नहीं लौटा। आदित्य के टाइम पर घर न पहुंचने की वजह से परेशान मां ने उसके पिता को फोन कर जानकारी दी।
जब आदित्य के पिता धर्मराज सिंह झाला ने जब स्कूल फोन कर पूछा तो स्कूल की प्रिंसिपल ने जानकारी दी कि जिन छात्रों की फीस बाकी है, स्कूल प्रशासन ने उन्हें रोक लिया है। प्रिंसिपल ने बताया कि कुल 160 छात्रों को स्कूल में ही रोक लिया गया है। सबसे हैरानी वाली बात तो यह है कि आदित्य को महज 600 रुपयों के लिए स्कूल प्रशासन ने रोके रखा।
आदित्य के पिता ने बताया कि आदित्य की पूरी फीस 38,800 रुपये उन्होंने चेक के जरिए पे कर दिया था लेकिन उन्हें पता नहीं था कि स्कूल ने बस की फीस 200 रुपये प्रति महीना बढ़ा दी है और आदित्य के बस की तीन महीने की फीस, यानि 600 रुपये बाकी है।
प्रिंसिपल ने आदित्य के पिता को बताया कि फीस बाकी होने की वजह से बच्चों को रोककर रखा गया है और जब तक फीस अदा नहीं कर दी जाती, आदित्य को घर नहीं भेजा जाएगा। हालांकि आदित्य के पिता ने कहा कि वह अगले दिन पूरी फीस अदा कर देंगे, बावजूद इसके स्कूल प्रिंसिपल ने आदित्य को घर लौटने की अनुमति नहीं दी।
आखिरकार आदित्य के पिता ने पुलिस कन्ट्रोल रूम फोन कर स्कूल के खिलाफ शिकायत की। शिकायत पर पुलिस स्कूल पहुंची और बच्चों को मुक्त कराया। तब कहीं जाकर बच्चे घंटों देरी से अपने-अपने घर लौटे। धर्मराज सिंह ने इस मामले में बाकायदा जिला कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी और पुलिस में स्कूल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।