नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी सुनील गावसकर ने शिखर धवन का बचाव करते हुए रोहित शर्मा के बार-बार होनेवाले चयन पर सवाल उठाए हैं। गावसकर ने पूछा है कि हर बार धवन को ही क्यों 'आराम' दिया जाता है, जबकि रोहित शर्मा का भी विकल्प होता है। सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए सुनील गावसकर ने एक कॉलम लिखा है। उसमें उन्होंने घरेलू सीजन में शानदार प्रदर्शन करने वाले मयंक अग्रवाल का जिक्र किया है। मयंक ने 30 मैचों में 2141 रन बना डाले, फिर भी उन्हें इंडिया टीम में जगह नहीं मिली।
मयंक जो कि ओपनर के तौर पर खेलते हैं, उनके सिलेक्ट न होने को लेकर पिछले दिनों काफी चर्चाएं हुईं। गावसकर के मुताबिक, इनमें धवन को बाहर रखकर मयंक को खिलाने की सलाह दी जा रही थी, जो उन्हें को ठीक न लगी। गावसकर लिखते हैं, 'मैं पूछता हूं कि धवन ही क्यों रोहित शर्म क्यों नहीं? आखिर साउथ अफ्रीका में भी उन्होंने धवन से ज्यादा मैच खेले थे। मैं इस बात की वकालत नहीं कर रहा कि रोहित को ही बाहर होना चाहिए, लेकिन इस बात को उठा रहा हूं कि हर बार धवन को ही क्यों कुल्हाड़ी के नीचे लाया जाता है? '
गावसकर ने श्रीलंका में शुरू होनेवाली निदाहास ट्रोफी के लिए सिलेक्ट हुए बाकी खिलाड़ियों का भी जिक्र किया। उन्होंने इस सीरीज को मोहम्मद सिराज, ऋषभ पंत और दीपक हुड्डा जैसे युवाओं के लिए बेहतरीन मौका बताया। गावसकर के मुताबिक, इस सीरीज में सुरेश रैना और दिनेश कार्तिक को साबित करना होगा कि उन्हें टीम में लेकर कोई गलती नहीं की गई है।