नई दिल्ली। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के पेपर लीक मामले में भाजपा की मध्यस्थता के बाद कुछ छात्र वापस लौट गए हैं परंतु कुछ अभी भी धरना स्थल पर डटे हुए हैं। भाजपा का कहना है कि इस मामले की जांच अब सीबीआई करेगी परंतु आंदोलन कर रहे छात्रों का कहना है कि इसकी आधिकारिक सूचना जारी नहीं हुई है। रविवार को दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी के नेतृत्व में आंदोलनरत छात्रों का प्रतिनिधिमंडल गृहमंत्री राजनाथ सिंह व एसएससी चेयरमैन असीम खुराना से मिला था। इसके बाद एसएससी चेयरमैन ने आंदोलनकारी छात्रों की मांग का समर्थन किया है।
छात्रों का रखा पक्ष
मुलाकात को लेकर मनोज तिवारी ने बताया कि उन्होंने सुबह केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर छात्रों का पक्ष रखा था। इसके बाद उन्होंने एसएससी के चेयरमैन असीम खुराना से मुलाकात कर छात्रों का पक्ष रखा था। असीम खुराना ने पेपर लीक मामले की सीबीआइ जांच का नैतिक समर्थन किया है।
परीक्षार्थियों की मागों के प्रति संवेदनशील
मनोज तिवारी ने कहा कि एसएससी चेयरमैन ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि उनका प्रशासन किसी भी प्रकार की अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के विरुद्ध है और हम परीक्षार्थियों की मागों के प्रति संवेदनशील हैं। इसलिए वह पेपर लीक की शिकायत को लेकर संबधित मंत्रालय को पत्र लिखकर सीबीआइ अथवा अन्य उचित जांच का समर्थन करेंगे।
धरना स्थगित करने की अपील
वहीं, भाजपा का कहना है कि एसएससी चेयरमैन से मुलाकात के बाद प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी और सांसद मीनाक्षी लेखी ने धरना कर रहे छात्रों को एसएससी चेयरमैन के निर्णय से अवगत कराया और धरना स्थगित करने की अपील की। भाजपा ने दावा किया है भाजपा की अपील को स्वीकार करते हुए छात्रों ने भाजपा द्वारा किए गए हस्तक्षेप का अभिनंदन किया है। हालांकि पुलिस का कहना है कि रविवार शाम को कुछ छात्र धरने से चले गए हैं तो कुछ अभी भी टिके हुए हैं।