नई दिल्ली। दुनिया का दूसरा सबसे ताकतवर देश रूस में लोकतंत्र एक जाल में फंस गया है। यहां राष्ट्रपति पद का चुनाव हो रहा है। व्लादिमीर पुतिन चौथी बार इस पद के लिए उम्मीदवार हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि उनके सामने जितने भी प्रत्याशी हैं, आरोप है कि वो सभी डमी प्रत्याशी हैं। पुतिन के इशारे पर लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया की शर्तों को पूरा करने के लिए उन्होंने सिर्फ नामांकन दाखिल किया था। रुस के इतिहास में पहली बार लोकतंत्र के रास्ते तानाशाह का चुनाव हो रहा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, देश के पूर्वी क्षेत्रों कामचोतका और चुकोत्का में मतदान सुबह शुरू हुआ। रूस की समाचार एजेंसी स्पुतनिक के मुताबिक, देश के 11.1 करोड़ नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। बता दें कि देश में राष्ट्रपति कार्यालय छह वर्ष का होता है।सीएनएन के मुताबिक, चुनावी मैदान में पुतिन के सामने कोई मजबूत प्रतिद्वंद्वी नहीं है। उनके सबसे बड़े राजनीतिक विरोधी एलेक्सी नवालनी के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस दौड़ में पुतिन (65) को स्पष्ट विजेता के तौर पर देखा जा रहा है।
पुतिन इस चुनावों में जीतने के बाद चौथी बार देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होंगे। वह पहले ही जोसेफ स्टालिन के बाद सबसे लंबे समय तक इस पद पर रहने वाले नेता बन चुके हैं, इस जीत के बाद वह वर्ष 2024 तक राष्ट्रपति पद पर रहेंगे।
इस दौड़ में सात उम्मीदवार चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं, जिनमें ऑल पीपुल्स यूनियन पार्टी के सर्गेइ बाबुरिन, कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार पावेल ग्रुडिनि, निर्वतमान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, सिविल इनिशिएटिव पार्टी के उम्मीदवार सेनिया सोबचाक, कम्युनिस्ट्स ऑफ रसिया पार्टी के अध्यक्ष मैक्सिम सुरायकिन, बोरिस तितोव, योबलोको पार्टी के सहसंस्थापक ग्रिगोरी यावलिन्सकी और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ रसिया के प्रमुख व्लादिमीर जिरिनोवस्की हैं. रूस के समयानुसार मतदान प्रक्रिया सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक चलेगी। वहीं नतीजों का ऐलान 19 मार्च को होगा।