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पुलिस के मुताबिक आरोपी सुभबरता मजूमदार अपने पिता गोपाल मजूमदार और मां, बेना मजूमदार के साथ दो मंजिला इमारत में रह रहे थे। दो साल पहले 70 वर्षीय बीना का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उसके बाद उसके शरीर को उसके बेटे ने एक डीप फ्रीज में रख दिया। सुभबरता के पड़ोसियों का दावा किया है कि उन्हें यह नहीं पता था कि उसके शरीर का अंतिम संस्कार किया गया था या नहीं।
सूत्रों की तरफ से जानकारी मिलने के बाद बुधवार की रात, डीसी (दक्षिण-पश्चिम) नीलेनंजन विश्वास की अध्यक्षता वाली एक पुलिस टीम ने सुभबरता के घर पहुंची और तलाशी के दौरान डीप फ्रिज में से शव को बरामद किया गया। शरीर के कई पार्ट्स जैसे लीवर और लंग्स गायब हैं। सात ही पुलिस को घर में से कई केमिकल भी बरामद हुए हैं।
पुलिस की अंदेशा है कि आरोपी शख्स लेदर टेक्नॉलजी का स्टूडेंट है तो उसने शरीर को खराब होने से बचाने के लिए कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया है। पुलिस के मुताबिक, तलाशी के दौरान उन्होंने बीना के फर्जी जीवित प्रमाण पत्र भी मिले हैं। जबकि बीना की मृत्यु के बाद, अस्पताल ने उसे मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किया था। मगर बीना एक सरकारी कर्मचारी थी, और उसे 50 हजार रुपये पेंशन मिलती थी। इसकी को पाने के लिए उसके बेटे ने फर्जी जीवित प्रमाण पत्र बनवाया होगा। आरोपी के पिता गोपाल मजूमदार, इस घटना के बारे में जानते थे। फिलहाल पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है, और शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।