नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन के टाउनहॉल इवेंट के दौरान सवालों के कुछ इस तरह से जवाब दिए कि टाउनहॉल में ठहाके भी गूंजे और भारत तक एक संदेश भी आया। पीएम मोदी ने लंदन के टाउनहॉल में प्रवासी भारतीयों को संबोधित कर रहे थे। जब एक श्रोता ने उनसे उनकी सेहत का राज पूछा तो पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 20 साल से वह रोज 1-2 किलो गालियां खां रहे हैं... 'गालियां', उनके यह शब्द कहते है दर्शकों का शोर उमड़ पड़ा। 'मोदी-मोदी' के नारे लगने लगे।
आलोचनाओं से निकालते हैं जीत का रास्ता
पीएम मोदी के राजनैतिक सफर पर यदि नजर डालें तो समझ आता है कि जैसे जैसे नरेंद्र मोदी का विरोध बढ़ता गया, उनका कद भी बढ़ता गया। दरअसल, वो अपनी आलोचनाओं और विरोध का उपयोग बड़ी ही चतुराई के साथ अपने फायदे के लिए कर लेते हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में 'चायवाला' का उपयोग करके अपने वोटों में जबर्दस्त इजाफा किया था तो गुजरात विधानसभा चुनाव में जब भाजपा चुनाव हार चुकी थी तभी 'नीच आदमी' का लाभ उठाते हुए फिर भाजपा को सत्ता तक पहुंचा दिया। उनकी लोकप्रियता बढ़ने की एक वजह यह भी रही है कि वे लोगों को यह बताते रहे कि देखो मीडिया का, बुद्धिजीवी तबके का एक वर्ग उन्हें कितनी गालियां देता है। उनके इस तरह के बयान से एक बड़े वर्ग की सहानुभूति उनके प्रति और बढ़ जाती है। टाउनहॉल के भाषण में भी ऐसा देखा गया, पीएम के गालियां शब्द कहते ही लोगों की सहानुभूति और उनके प्रति जबर्दस्त समर्थन का उत्साह दिखा।
लंदन के सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘भारत की बात सबके साथ’ कार्यक्रम में देश की बढ़ती ताकत के बारे में बताया। इस कार्यक्रम का संचालन केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के प्रमुख प्रसून जोशी ने किया। करीब दो घंटे तक चले कार्यक्रम में पीएम मोदी ने लोगों के सवालों का खुलकर जवाब दिया। उन्होंने कठुआ से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक तक तमाम मसलों पर बात कीं
कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि मुझे किताब पढ़कर गरीबी सीखनी नहीं पड़ी। मैंने गरीबी टीवी पर देखकर नहीं सीखा। मैं इससे जद्दोजहद करके यहां तक आया हूं। इसके पहले पीएम मोदी ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से उनके बकिंघम पैलेस में मुलाकात की और वहां की प्रधानमंत्री टेरीजा मे के साथ के द्विपक्षीय बातचीत की।