ग्वालियर। 2 अप्रैल को शहर में उपद्रव होने के बाद शांति के लिए पुलिस के 2500 जवान यहां रातदिन तैनात हैं परंतु सरकार उन्हे पोषणआहार तक नहीं दे रही। जवानों को हर रोज ठंडी कड़क पूड़ी और घटिया सी सब्जी खाने के लिए भेजी जा रही है। ज्यादातर पुलिस कर्मचारी सरकारी पैकेट्स को गरीबों में बांट रहे हैं एवं 2 वक्त का भोजन अपनी जेब से खर्च करके कर रहे हैं। कुछ सरकारी पैकेट खा रहे हैं तो उनके पेट खराब हो गए हैं। अंबेडकर जयंती पर 2 जवानों को उल्टियां भी हुईं।
अंबेडकर की सुरक्षा कर रहे जवानों को उल्टियां
भारत बंद के दौरान ग्वालियर में हुई हिंसा के बाद सागर, उज्जैन पीटीएस, एसटीएफ, आरएएफ, एसएएफ, क्यूआरटी, तिघरा पीटीएस से बल ग्वालियर में तैनात किया गया है। 3 अप्रैल से ही यह लोग शहर में तैनात हैं। सिर्फ इंदौर पीटीएस का बल वापस गया है। शनिवार को आंबेडकर जयंती पर भी शहर में 2500 पुलिसकर्मी तैनात थे। कबीर नगर में स्थित कबीर पार्क और चमड़ा पार्क के पास डॉ.आंबेडकर की दो प्रतिमाएं लगी हुई हैं। इनकी सुरक्षा में पीटीएस सागर से आए बल को लगाया है। कबीर पार्क स्थित प्रतिमा की सुरक्षा में लगे 2 पुलिसकर्मियों को उल्टी हो गई। यहां एक दर्जन पुलिसकर्मी तैनात थे।
जेब से खरीद रहे हैं खाना
दोपहर करीब 1 बजे खाने के पैकेट पहुंचे। पैकेट में पूड़ी और आलू की सब्जी थी। इन लोगों ने पैकेट तो ले लिए लेकिन मोहल्ले के बच्चों में बांट दिए, क्योंकि पूड़ी ही खा रहे थे। चमड़ा पार्क के पास आंबेडकर प्रतिमा की ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मियों ने खाने के पैकेट नहीं खाेले। उनका कहना था कि पूड़ी कठोर हैं। चबाने तक में दिक्कत हो रही है। सब्जी तक नहीं बदली गई। इस वजह से बाहर से खाना मंगवाना मजबूरी है। यह स्थित अन्य जगह भी देखने को मिली।
दाे दिन मिली दाल-रोटी उसके बाद घटिया
पुलिसकर्मियों ने बताया, बीच में दो दिन दाल, रोटी मिली। फिर से पूड़ी, सब्जी मिलने लगी। गर्मी में रोज पूड़ी खाने से हाजमा खराब हो रहा है। रोज 2.50 लाख का खाना पुलिसकर्मियों के लिए तैयार हो रहा है। रोज 6 हजार पैकेट बन रहे हैं। एक ठेकेदार बीच में ही काम छोड़ गया, क्योंकि पूरा काम उधारी पर हो रहा है। ठेकेदार को पेमेंट 20 अप्रैल के बाद ही हो सकेगा। अब दूसरे ठेकेदार से खाना बनवाया जा रहा है।