भोपाल। मध्यप्रदेश शासन एवं विद्यतु मण्डल/कंपनी के द्वारा 2016 संविदा नीति में संषोधन कर संविदा नीति 2018 बनाई हैं जो काफी हदतक कर्मचारियों के हितों में है मगर इस नीति में 3 बिन्दु इस प्रकार है जिससे कर्मचारियों के हितो की रक्षा नहीं हो सकती है। संविदा कर्मचारियों ने आपत्तिजनक 3 बिन्दुओं में संशोधन की मांग की है।
1. प्रार्थी के आवेदन चार वर्ष के बाद कंपनी भर्ती में 25 प्रतिशत आरक्षण होगा मगर कर्मचारियोें का अनुबंघ 3 वर्ष को होता है। इस परिवर्तन कर 3 वर्ष कर दिया जावे।
2. वेतन में विसंगति होना जैसे परीक्षण सहायक की 19890 रूपये है मगर कार्यालय सहायक श्रेणी-3 की 17750 रूपये है जबकि दोनों पदो का ग्रेड पे एवं बेसिक सामान है।
3. तीसरा एवं अन्तिम बिन्दु अनुबंध सेवा शर्त जारी रखने के लिये निम्नस्तर अधिकारी होगे जबकि यह अधिकारी भविष्य में कर्मचारियों का शोषण कर सकते है इस के लिये एक अलग समीति गठित की जावे जो सेवा अनुबंध सेवा जारी रखे।
बता दें कि बिजली कंपनी में बड़ी संख्या में संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं। पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा की गई हड़ताल के बाद बिजली कंपनी के कर्मचारी की विरोध में एकजुट हो रहे थे। सीएम शिवराज सिंह ने सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित किए जाने की बात कही है।