
राज्य सरकार ने नर्मदा किनारे पौधारोपण और जल संरक्षण की जनजागरूकता के लिए गठित समिति में पांच बाबाओं को सदस्य बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा देकर उपकृत किया है। इनमें कंप्यूटर बाबा, पं.योगेंद्र महंत, नर्मदानंदजी, हरिहरानंदजी और भय्यूजी महाराज के नाम शामिल हैं। कंप्यूटर बाबा और पं.योगेंद्र महंत ने 'नर्मदा घोटाला रथ यात्रा' निकालने की धमकी दी थी लेकिन, राज्यमंत्री का दर्जा मिलते ही उनके सुर बदल गए। अब वे घाटों पर जनजागरण करने की बात कहने लगे हैं। बाबाओं का तर्क है कि यदि हम राज्यमंत्री का दर्जा नहीं स्वीकारते तो नर्मदा संरक्षण का काम कैसे आगे बढ़ाते। अब हम कलेक्टरों से अधिकारपूर्वक बात करेंगे?
दर्जा प्राप्त मंत्रियों के कारनामे
दो दिन पूर्व ही छेड़छाड़ के एक मामले में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त राजेंद्र नामदेव को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पूर्व में दर्जा प्राप्त मंत्री और किरार समाज के पदाधिकारी रहे गुलाब सिंह किरार का मामला व्यापमं के आरोपितों में नाम आने पर सुर्खियों में आ चुका है।
ये हैं दर्जा मंत्रियों की सुविधाएं
राज्य सरकार 35 को मंत्री और 58 को राज्यमंत्री का दर्जा दे चुकी है। आइए जानते हैं कि इन दर्जा प्राप्त मंत्रियों को सरकारी खजाने से क्या क्या दिया जाएगा:
एक लग्झरी वाहन।
1000 किलोमीटर का डीजल/पेट्रोल।
15 हजार रुपए मकान किराया।
3000 सत्कार भत्ता।
मानदेय के बतौर 13 हजार 500 रुपए (मंत्री) और 7500 रु.(राज्यमंत्री)।
कार्यालयीन स्टाफ के साथ अपना निजी सहायक रखने की पात्रता।