दतिया। माँ बगलामुखी के चमत्कारी पीतांबरा पीठ से कौन परिचित नहीं है। देश का शायद ही ऐसा कोई वीवीआईपी हो जो माँ बगलामुखी की शरण में ना आया हो परंतु पीठ के इतिहास में पहली बार हुआ कि उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को वीवीआईपी दर्जा दिया गया। पीठ के सभी दरवाजे बंद कर दिए गए और 3 घंटे तक माँ बगलामुखी के दर्शन बाधित हुए। आम श्रृद्धालुओं को बिना दर्शन के ही वापस लौटना पड़ा। याद दिला दें कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी यहां आम श्रृद्धालू की तरह दर्शन किए थे। उनके सुरक्षा जवान सादा वर्दी में मंदिर में थे।
राष्ट्रपति के लिए भी बंद नहीं हुए थे पीताम्बरा पीठ के दरवाजे
मालूम हो कि पीतांबरा पीठ पर पिछले साल पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी आए थे, तब भी आम दर्शनार्थियों के लिए मंदिर के दरवाजे बंद नहीं किए गए थे। इससे पहले भी कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री, कई पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, गृहमंत्री समेत तमाम वीवीआईपी आए लेकिन दर्शनार्थियों को कभी नहीं रोका गया। प्रशासन की इस व्यवस्था से दर्शनार्थियों में आक्रोश था।
NSG कमांडो ने घेर लिया था पूरा पीताम्बरा पीठ
उप्र के सीएम सुबह सवा दस बजे पीतांबरा पीठ पहुंचे और करीब एक घंटे तक पूजा अर्चना की। लेकिन मंदिर के गेट सुबह आठ बजे ही बंद कर दिए गए। पूरा मंदिर एनएसजी कमांडो ने अपने घेरे में ले लिया था। तीन घंटे तक स्थानीय और बाहर से आए श्रद्धालु मंदिर के अंदर घुस नहीं सके। मालूम हो कि उप्र के सीएम दर्शन करने के बाद उप्र के ललितपुर में आमसभा के लिए रवाना हाे गए।
तीन दिन पहले से शुरू हो गईं थी तैयारियां
तीन दिन पहले जिला प्रशासन के पास उप्र के सीएम के आने की सूचना आई तो सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियां शुरू हो गईं। गुरुवार सुबह सवा दस बजे सीएम योगी दतिया पहुंचे और पीतांबरा पीठ पर सर्वप्रथम पीठ के कोषाध्यक्ष हरीराम सांवला ने उनका स्वागत किया। इसके बाद योगी ने आधा घंटे तक मां बगुलामुखी के समक्ष पूजा अर्चना की। योगी के साथ यूपी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी राजा वर्मा, प्रदेश महामंत्री रामबाबू द्विवेदी, प्रदेश परिवहन मंत्री सत्येंद्र देव सिंह, ग्राम विकास मंत्री महेंद्र सिंह ने भी पीतांबरा पीठ पर दर्शन किए।
बिना दर्शन के लौटना पड़ा
मैं कानपुर से पत्नी के साथ दर्शन करने के लिए सुबह 9 बजे आया था। यहां आकर देखा तो मंदिर के सभी गेटों पर ताला लगा था। वहां पुलिस वालों से पूछा तो बताया कि यूपी के सीएम योगी आ रहे हैं। 11 बजे के बाद मंदिर के गेट खुलेंगे। हमारी ट्रेन थी, इसलिए हम लोगों को बिना दर्शन किए ही वापस लौटना पड़ा। मैं लंबे समय से मंदिर पर दर्शन करने आ रहा हूं लेकिन इस तरह की व्यवस्था पहले नहीं देखी। अब पता नहीं कब मां के दर्शन होंगे।
अनुरुद्ध कुमार दुबे, श्रद्धालु, कानपुर
मां के दरबार में सभी समान
मैंने पीतांबरा माई के दर्शनों के लिए ऑफिस से छुट्टी ली थी और दर्शन करने आया। सुबह 10 बजे पहुंचा तो यहां ताला लगा हुआ था। माई के दरबार में सभी एक समान हैं। फिर मंदिर के दरवाजे बंद करने की क्या आवश्यकता थी। मुझे बिना दर्शन करे ही वापस लौटना पड़ रहा है। इससे पहले भी वीवीआईपी आए लेकिन ऐसा कभी नहीं किया। प्रशासन को आम जनता और वीआईपी में फर्क नहीं करना चाहिए। यह तो गलत बिल्कुल गलत बात है। महेंद्र प्रताप सिंह, श्रद्धालु आगरा
वीवीआईपी की सुरक्षा भी जरूरी
श्री पीतांबरा पीठ के गेट कुछ अंतराल में खोले जा रहे थे। वीआईपी की सुरक्षा भी जरूरी होती है। ग्रुप में कुछ लोगों को दर्शन करवाए भी गए हैं।
आशीष कुमार गुप्ता, प्रभारी कलेक्टर