सागर। राज्यमंत्री का दर्जा पाकर चर्चा में आए कम्प्यूटर बाबा ने सागर के एक टेंट हाउस व्यवसायी के 3.35 लाख रुपए अभी तक नहीं चुकाए हैं। जबकि उनकी इस देनदारी को 5 साल होने को है। टेंट व्यवसायी का कहना है कि मैंने इस रकम की वसूली के लिए कई दफा वकील के जरिए बाबा के इंदौर स्थित आश्रम में नोटिस भेजे। लेकिन न तो जवाब आया और न ही रकम मिली। बता दें कि अप्रैल 2013 कम्प्यूटर बाबा ने खुरई रोड पर एक बुंदेलखंड महायज्ञ किया था। लेकिन इसमें ज्यादा लोग नहीं पहुंचे। नतीजतन कम्प्यूटर बाबा ने तत्कालीन टेंट हाउस मालिक उमाशंकर पटेल को यह कहकर पेमेंट करने से मना कर दिया था कि इस दफा महायज्ञ में पर्याप्त चढ़ोत्री नहीं आई है इसलिए बाकी रकम 3.35 लाख रुपए बाद में ले लेना। लेकिन उन्होंने यह रकम अब तक वापस नहीं की।
60 हजार रु. घंटे के हेलिकॉप्टर से आमंत्रित करने जाते थे बाबा
पटेल का कहना है कि पांच साल पहले जब बाबा सागर आए थे तो उन्होंने कार्पोरेट स्टाइल में अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने बताया था कि यह यज्ञ आधुनिकता और आध्यात्मिकता का संगम होगा। यज्ञ में शामिल होने के लिए उन्होंने बुंदेलखंड के 50 प्रमुख तीर्थों को चिन्हित किया था। वहां तक जाने के लिए बाबा इंदौर से 60 हजार रु. प्रति घंटे की दर पर हेलिकॉप्टर भी लेकर आए थे।
पेड़ काटने के विवाद में फंस गए थे बाबा
कम्प्यूटर बाबा का यह यज्ञ तभी विवाद में आ गया था जब उनके भक्त मंडल ने नई गल्ला मंडी के सामने वन विभाग द्वारा बड़ी संख्या में रोपे गए यूकेलिप्टस के पेड़ों को रातोंरात कटवा दिया। यह पेड़ उन्होंने बहुमंजिला यज्ञ शाला बनवाने के लिए कटवाए थे। लेकिन जैसे ही यह मामला मीडिया में उछला तो वन विभाग की एक टीम ने महायज्ञ स्थल पर पहुंचकर पेड़ों के तने जब्त कर लिए। इस विवाद के बाद राजनीतिक और प्रभावशाली लोगों ने यज्ञ से दूरी बना ली। नतीजतन महायज्ञ को अपेक्षित सफलता नहीं मिली।
प्रयासों के बाद भी मुलाकात नहीं हुई
टेंट हाउस व्यवसायी उमाशंकर पटेल का कहना है कि कानूनी उपाय अपनाते हुए मैंने अपने वकील श्याम अवस्थी के जरिए बाबा को समय-समय पर नोटिस दिए। इसी दौरान मैं इंदौर स्थित उनके आश्रम भी गया। दो साल पहले उज्जैन सिंहस्थ में भी उनके आश्रम गया लेकिन वहां भी मुलाकात नहीं हुई। आखिरकार हम लोग थक हार कर घर बैठ गए। पटेल के अनुसार बाबा ने महायज्ञ में टेंट लगाने के लिए 5 लाख 1 हजार रुपए में मुझसे स्टाम्प पर अनुबंध किया था।