भोपाल। प्रदेश सरकार की बेरूखी एवं कर्मचारियों की मांगों की वादाखिलाफी के विरोध में प्रदेश के हजारों लिपिकों ने आज सामूहिक अवकाश पर रहकर सरकार का ध्यान अपनी मांगों की ओर आकृष्ट किया। राजधानी भोपाल में मंत्रालय, सतपुडा, विंध्याचल, निर्माण भवन, डीपीआई सहित सभी प्रमुख विभागाध्यक्ष कार्यालय में आज त़तीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहें।
कौन से कर्मचारी संगठन है शामील
प्रदेश के 6 बडे मान्यता एवं गैर मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठन मंत्रालय कर्मचारी संघ, लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, लघुवेतन कर्मचारी संघ, राजस्व कर्मचारी संघ एवं नगर पालिका कर्मचारी संघ के संयुक्त आवहान पर 12 एवं 13 अप्रेल को दौ दिवसीय सामूहिक अवकाश आंदोलन का आज पहला दिन था। राजधानी के कर्मचारी मंत्रालय के गेट क्रमांक एक पर एकत्र हुए। कर्मचारियों ने अपनी नाराजगी अर्धनग्न प्रदर्शन कर एवं नारेबाजी कर प्रकट की। कर्मचारी नारे लगा रहे अब की बार यार या पार , अभी नही तो कभी नही।
इन्हें हुई परेशानी
आज राज्य सचिवालय से ग्राम सचिवालय के लिपिक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के सामूहिक अवकाश आंदोलन पर रहने के कारण आम जनता को परेशानी का सामना करना पडा । मंत्रालय के गेट पर आंदोलनकारी कर्मचारियों का जमाबडा होने के कारण आज राज्य बीमारी सहायता निधि , मुख्य मंत्री सहायता प्राप्त करने आने वाले लोग एवं अन्य कार्य से आने वालें लोगों को निराश होकर लोटना पडा । कुछ लोगों ने जबरदस्ती धुस्ने का प्रयास किया उन्हें आंदोलनरत कर्मचारियों ने हाथ जोडकर वापस किया।
हडताल का असर
आज की हडताल का व्यापक असर देखा गया । पूरे प्रदेश में आज की हडताल को कर्मचारी नेताओं ने सफल हडताल बताया है । हडताल के असर को देखकर सरकार भी कर्मचारी नेताओं को चर्चा के लिये बुलाने जा रही है ऐसी भी चर्चा बार बार आती रही । हडताली कर्मचारी नेताओ ने स्पष्ट किया है कि अब आश्वासन नही आदेश चाहिये ।
ये रहे उपस्थित
इंजीनियर सुधीर नायक, मनोज बाजपेयी, महेन्द्र शर्मा, सुभाष वर्मा, डा. सुरेश गर्ग, लक्ष्मीनारायण शर्मा, विजय रघुवंशी, मोहन अययर, उमाशंकर तिवारी, महमूद खान, राकेश मिश्रा, टी.पी. अग्निहोत्री, राजकुमार पटेल, सतीश शर्मा, अशीष् सोनी, आलोक वर्मा,अनिल तिवारी,आनन्द भटट,साधना मिश्रा,प्रदीप सेन,ठाकूर दास प्रजापति, निहाल सिंह जाट आदि ने कर्मचारियों के साथ अर्धनग्न प्रदर्शन किया एवं नारेबाजी की।
प्रमुख मांगें :-
लिपिकों की ग्रेड पे का उन्नयन कर 2400 किया जायें, रमेशचन्द्र समिति की 23 अनुसंशाये लागू की जायें, लोकनिमार्ण जलसंसाधन, पीएचई वन विभाग के लिपिकों को बिना किसी शर्त के तृतीय समयमान दिया जायें, लेखापाल की विसंगति 1 जनवरी 96 से दूर की जायें,कर्मचारियों से हो रही रिकवरी को तत्काल बंद किया जायें, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का वृत्ति कर पूर्ण रूप से समाप्त किया जायें,भृत्य का पदनाम परिवर्तित किया जायें,अर्जित अवकाश की संग्रहण सीमा 240 से बढाकर 300 दिवस की जायें, पेंशनरों को बकाया मंहागाई भत्ता एवं सातवे वेतनमान का लाभ दिया जायें, संविदा कर्मचारियों का नियमितिकरण किया जायें, नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना लागू की जायें,मंत्रालय के अनभाग अधिकारी एवं निज सचित का वेतनमान पुनरीक्षित किया जायें,स्टेनो टायपिस्ट का तृतीय समयमान संशोधित किया जायें,तिलहन संघ से मर्ज कर्मचारियों का पे प्रोटेकशन किया जायें, अनाज एवं त्यौहार अग्रिम 10000 रूपयें किया जायें।